Farmers Problem: 21 फसलों की खरीद 3 फीसदी से भी कम, सरकार का रिकॉर्डतोड़ खरीद का दावा बना 'जुमला'
Farmers Problem: योगेंद्र यादव ने CACP के ताजा रिपोर्ट के आंकड़ों के आधार पर कहा है कि सरकार द्वारा गेहूं और धान के अलावा अन्य फसल की कोई खरीद नहीं की जा रही है....
Farmers Problem: (जनज्वार)। किसान नेता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने कहा है कि धान और गेहूं को छोड़कर किसी अन्य फसल की खरीद नहीं हो रही है। उन्होंने सोशल साइट ट्विटर (Twitter) पर एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने कहा है कि नई मंडी में सरकार द्वारा कितने प्रतिशत फसलों की खरीद की गई।
योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर लिखा, "सरकार (Government) सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करती हैं। उनके वादे केवल जुमले साबित होते हैं। सरकार के मुताबिक नई मंडी में फसलों की रिकॉर्ड तोड़ खरीद की गई है लेकिन यह केवल एक जुमला है।" योगेंद्र यादव वीडियो में आंकड़े (Data) बता कर कहते हैं कि देश में फसलों का जितना उत्पादन हुआ है, सरकार द्वारा उसकी कितनी प्रतिशत खरीद हुई।
केवल गेहूं - धान की फसल की खरीद है
योगेंद्र यादव ने हाल ही में सीएसीपी (CACP report) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के आधार पर जारी आंकड़े बताए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गेहूं, धान और दालों की कितनी प्रतिशत खरीद हुई है। योगेंद्र यादव कहते हैं कि नई मंडी में सरकार ने गेहूं और धान के अलावा किसी भी फसल की खरीद नहीं की है। आंकड़े बताते हैं कि धान और गेहूं को छोड़कर अन्य 21 फसलों की खरीद 3% से भी कम है।
CACP की रिपोर्ट का दिया हवाला
योगेंद्र यादव ने सीएसीपी के द्वारा हाल ही में जारी किए गए ताजा रिपोर्ट (Latest CACP report) के आधार पर सरकार द्वारा फसलों की खरीद के प्रतिशत आंकड़ों को बताया। उन्होंने कहा, देश में गेहूं का जितना उत्पादन हुआ उसका केवल 40% ही खरीदा गया। धान 39% खरीदा गया। योगेंद्र यादव कहते हैं, हालांकि गेहूं और धान की खरीद की मात्रा पर्याप्त नहीं है लेकिन इनके मुकाबले अन्य फसलों की खरीद को देखें तो वह ना के बराबर है।
उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा चना 5% खरीदा गया, मूंगफली 3% और बात करें दालों की तो इसकी स्थिति और बेकार है। वीडियो में वह बताते हैं मसूर दाल की खरीद 0%, उड़द दाल की खरीद 0%, मूंग दाल की खरीद 1% और अरहर दाल की खरीद 0.4% यानी आधा प्रतिशत से भी कम है। सोयाबीन की खरीद 0% हैं।"
किया तंज- सरकार बताती है ऐतिहासिक फैसला !
योगेंद्र यादव ने कहा कि सीएसीपी के ताजा आंकड़े नई मंडी के हाल बयां कर रहे हैं, लेकिन सरकार अभी इसे बड़ी ऐतिहासिक सफलता (historical success) बता रही है। किसान आंदोलन खत्म नहीं हो रहा है कटाई, रोपाई और कोरोना के बाद दिल्ली में मोर्चों पर किसानों को लौटना जारी है। उन्होंने दावा किया कि एक भी बड़ा किसान
संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisaan Morcha.) से अलग नहीं हुआ है। किसान नए कृषि बिल और नई मंडी को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि दूसरी ओर सरकार अपने इस फैसले को ऐतिहासिक कदम बताते हुए किसान वर्ग का हितकारी बताती है।
उन्होंने कहा कि आए दिन मीडिया में ऐसी खबरें चलती है, मानो किसान आंदोलन अब अपराध और गुंडागर्दी के अड्डे बन गए हो। उन्होंने कहा कि मीडिया, सरकार द्वारा किसानों के लिए किए गए फैसले को ऐतिहासिक कदम बताते हुए उनका गुणगान करती है ।