Gratuity Rules : लगातार 5 साल नौकरी नहीं करने पर भी मिलती है ग्रेच्युटी, जानें क्या है नियम

Gratuity Rules : आमतौर पर यह माना जाता है कि कंपनियां ग्रेच्युटी तभी देती है जब कर्मचारी उसी कंपनी के साथ 5 साल या उससे ज्यादा तक काम करें लेकिन लोगों की यह धारणा गलत है...

Update: 2022-07-09 10:36 GMT

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Gratuity Rules : एक ही कंपनी में लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों को सैलरी पेंशन और प्रोविडेंट फंड के अलावा ग्रेच्युटी भी दी जाती है। ग्रेच्युटी का छोटा हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से कटता है लेकिन बड़ा भाग कंपनी देती है। अगर कर्मचारी नौकरी बदलता है, रिटायर हो जाता है या किसी कारणवश नौकरी छोड़ देता है लेकिन वह ग्रेच्युटी के नियमों को पूरा करता है तो उसे ग्रेच्युटी का फायदा मिलता है।

ग्रेट्यूटी पाने के लिए 5 साल नौकरी करना जरूरी नहीं

आमतौर पर यह माना जाता है कि कंपनियां ग्रेच्युटी तभी देती है जब कर्मचारी उसी कंपनी के साथ 5 साल या उससे ज्यादा तक काम करें लेकिन लोगों की यह धारणा गलत है। कानून के अनुसार एक ही कंपनी में 5 साल लगातार काम करना ग्रेच्युटी पाने के लिए जरूरी नहीं है। मौजूदा कानून के अनुसार अगर आपने एक ही संस्थान में 4 साल 240 दिन लगातार काम कर लिया है तो आप 5 ग्रेच्युटी के हकदार हो जाएंगे। पेमेंट ऑफ ग्रेजुएटी एक्ट 1972 के तहत इसका फायदा उस कंपनी के हर कर्मचारी को मिलता है, जहां 10 लोग से ज्यादा लोग काम करते हैं।

ऐसे होता है ग्रेजुएटी का कैलकुलेशन

ग्रेच्‍युटी की गणना करने का एक खास फार्मूला है। कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)। मान लीजिए कि किसी कर्मचारी ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया। उस कर्मचारी की अंतिम सैलरी 50,000 रुपये थी। यहां महीने में 26 दिन ही गिने जाते हैं, क्‍योंकि यह माना जाता है कि जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है। वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है।

कुल ग्रेच्युटी की रकम = (50,000) x (15/26) x (20)= 576,923 रुपये। 

कोयला या अंडरग्राउंड काम करने वालों को छूट

कोयला या अन्‍य माइंस में अथवा अंडरग्राउंड प्रोजेक्‍ट में काम करने वालों के लिए 4 साल 190 दिन पूरे करने पर ही 5 साल का कार्यकाल मान लिया जाता है। कानून के मुताबिक, भूमि से नीचे काम करने वाले ऐसे कर्मचारियों को 4 साल 190 दिन पर ही ग्रेच्‍युटी का हकदार माना जाएगा।

नौकरी के दौरान मौत होने पर ग्रेच्‍युटी का हकदार

अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है तो उसकी ग्रेच्‍युटी की गणना के लिए अवधि की लिमिट नहीं रहती है। इसका मतलब है कि ऐसे कर्मचारी ने अपनी सेवाकाल में कितने ही दिन गुजारे हों, वह ग्रेच्‍युटी पाने का पूरा हकदार माना जाएगा।

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