Kanpur News : 15 वर्षीय किशोरी को बंधक बनाकर गैंगरेप करने वाले गर्भपात का बना रहे थे दबाव, लेखपाल सहित 4 पर गंभीर धाराओं में FIR
Janjwar Impact : जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है, वो ये कि सूबे में इतनी गंभीर घटनाओं के होने के बाद भी पुलिस आरोपियों को बचाने और तरफदारी में लगी रही...
Janjwar Impact: यूपी के कानपुर स्थित बिल्हौर तहसील के ककवन में कल सोमवार एक लेखपाल की शर्मनाक करतूत का खुलासा हुआ था। आरोप था कि लेखपाल सहित चार लोगों ने यहां की रहने वाली एक 15 वर्षीय किशोरी से गैंगरेप किया। किशोरी गर्भवती हुई तो लेखपाल सहित अन्य आरोपियों ने गर्भपात कराने का दबाव भी बनाया।
घटना की जानकारी होने पर पीड़िता के चाचा ने रविवार 10 अक्टूबर को थाने जाकर आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी थी। जिसके बाद 11 अक्टूबर घटना का खुलासा हो सका। जनज्वार ने इस मामले में सभी पक्षों से बात की थी, जिसमें कइ लोगों का फोन उठा ही नहीं था। लेकिन अब इस मामले में पीड़ितों को न्याय की उम्मीद बंधी है।
पीड़िता के चाचा की दी गई लिखित शिकायत के बाद कल शाम पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 376-D,506,3,4,5-ग,6 एससी-एसटी और पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। बता देंम कि रेप करने के बाद लेखपाल सहित अन्य आरोपी किशोरी के परिवार को धमका रहे थे। जान से मार देने की धमकी देकर बच्ची का गर्भपात कराने का प्रे्शर डाल रहे थे।
आरोप था कि, गांव का ही युवक करन, लेखपाल रंजीत बरबार व अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर युवती को बहला-फुसलाकर ले गया था। इन चारों ने मिलकर युवती के साथ बारी-बारी रेप किया। किसी तरह दरिंदों के चंगुल से बचकर युवती अपने घर पहुँची। घर पहुँचकर उसने अपनी मां को सारी बात बताई। रविवार देर शाम युवती के चाचा ने थाना ककवन में लिखित तहरीर दी थी।
पुलिस का कहना है कि मामले की तहरीर मिली है। संबंधितों का दोषी पाए जाने पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि कल रविवार देर रात एसपी आउटर आदित्य शुक्ला थाना ककवन पहुँचे थे, जहां उन्होने पीड़िता के पिता को पूछताछ के लिए भी बुलाया था।
उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति के बावजूद भी औरतों-महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएं कम नहीं हो पा रही हैं। कानपुर में कमिश्नरी लागू होने के बाद माना गया था कि अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण लगेगा। लेकिन कमिश्नरी लागू होने के बाद बदमाशों ने तो अपराध करना कम कर दिया, जबकी उनकी आदतें शासन-प्रशासन में बैठे लोगों ने अख्तियार कर ली है।