Crime Against Dalits And Adiwasi : दलितों और आदिवासियों के खिलाफ 2020 में बढ़े अपराधिक मामले, UP और MP में सबसे ज्यादा मामला

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 2020 में देश में अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) के खिलाफ किए गए अपराधों के 50,291 मामले दर्ज किए गए...

Update: 2021-09-16 14:45 GMT

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जनज्वार। देशभर में हाल के वर्षों में दलितों और आदिवासियों (Dalits And Adiwasi) के खिलाफ होने वाले आपराधिक (Crime) मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। एनसीआरबी (NCRB) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में कहा गया है कि साल 2020 में दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अपराध में बढ़ोत्तरी हुई है। खास बात यह है कि इस मामले में दोनों भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश शीर्ष पर हैं।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 2020 में देश में अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) के खिलाफ किए गए अपराधों के 50,291 मामले दर्ज किए गए। साल 2019 के आंकड़ों की तुलना में 2020 में इन अपराधों में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साल 2019 में अनुसूचित जाति के खिलाफ हुए अपराधों के कुल 45,961 मामले दर्ज किए गए थे।

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एनसीआरबी के मुताबिक 2020 में क्राइम रेट 22.8 प्रति लाख जनसंख्या से बढ़कर 25 प्रति लाख जनसंख्या हो गई थी।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में अनुसूचित जाति के खिलाफ हुए अपराध या अत्याचार में सबसे अधिक हिस्सा 'मामूली रूप से चोट पहुंचाने' का रहा और ऐसे 16543 मामले दर्ज किए गए। वहीं एससीएसटी एक्ट (SC/ST Act) के तहत 4273 मामले दर्ज किए गए जबकि आपराधिक धमकी के 3788 मामले दर्ज किए गए।

एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि बलात्कार के 3372, महिलाओं पर हमले 3373, हत्या के 855 और हत्या के प्रयास के 1119 मामले दर्ज किए गए। 

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