Indian Export News : सरकार विश्वगुरु बनने की दुहाई देती रही और विदेशों में भारतीय गेहूं और चाय की खेप को नकार दिया गया

Indian Export News : हालांकि इस बात का एक दूसरा पहलू यह भी है कि कई मोर्चों पर सरकार की नीतियों को विदेशों में खारिज किया जा चुका है। समाचार चैनलों पर विदेशों में भारत के जिस प्रभुत्व की बात की जाती है उसकी जमीनी सच्चाई को समझना होता तो एक घटना इसका सटीक उदाहरण बन सकती है। यह खबर भारत के निर्यात से जुड़ी हुई है...

Update: 2022-06-04 06:51 GMT

Indian Export News : सरकार विश्वगुरु बनने की दुहाई देती रही और विदेशों में भारतीय गेहूं और चाय की खेप को नकार दिया गया

Indian Export News : लंबे समय से इस बात पर देश में बहस चल रही है कि मोदी काल में भारत की विदेश नीति (Indian Export News) बहुत प्रभावकारी और अब तक की सभी सरकारों से अलग रही है। अक्सर इस बात पर चर्चा होती है कि मोदी राज में विदेशों में भारत का प्रभुत्व बढ़ रहा है।

हालांकि इस बात का एक दूसरा पहलू यह भी है कि कई मोर्चों पर सरकार की नीतियों को विदेशों में खारिज किया जा चुका है। समाचार चैनलों पर विदेशों में भारत के जिस प्रभुत्व की बात की जाती है उसकी जमीनी सच्चाई को समझना होता तो एक घटना इसका सटीक उदाहरण बन सकती है। यह खबर भारत के निर्यात जगत (Indian Export News) से जुड़ी हुई है।

कीटनाशक और रासायन होने की बात कहकर विदेशों से भारतीय चाय की खेप लौटायी गयी 

इंडियन टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन चेयरमैन, अंशुमान कनोरिटा ने शुक्रवार को बताया है कि अधिक कीटनाशक और रसायन होने के कारण अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों खरीदारों ने भारतीय चाय की खेप (Indian Export News) को खारिज कर दिया है। अगर भारत की विदेश नीति और राजनयिक कुशलता इतनी ही प्रभावकारी है तो फिर हमारा देश ऐसे मामलों में सटीक जवाब क्यों नहीं दे पा रहा है। ऐसे में तो यही बात समझ में आती है कि भले ही सरकार विश्वगुरु बनने की दुहाई देती रहे, विदेशों में अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए अभी और बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है, आत्मविशलेषण की जरूरत है।

तुर्की ने रूबेला वायरस होने की बात कहकर गेहूं की खेप लौटा दी थी

यह खबर ऐसे समय में आयी है कि जब एक दिन पहले तुर्की ने भारतीय गेहूं में रूबेला वायरस होने की बात कहकर उसे लौटा (Indian Export News) दिया था। तुर्की ने फाइटोसैनिटरी पेड़-पौधों से जुड़ी बीमारियों की चिंताओं के आधार भारतीय गेहूं की खेप को खारिज किया था।

श्रीलंका के आर्थिक संकट में घिरने के बाद ग्लोबल लेवर पर चाय के एक्सपोर्ट में खालीपन बना है। भारतीय टी बोर्ड, चाय बोर्ड का एक्सपोर्ट बढ़ाकर इस मौके का फायदा उठाना चाहता है। हालांकि चाय की खेप को ठुकराने और वापस लौटाने से (Indian Export News) विदेशों में आने वाले शिपमेंट्स की संख्या घट रही है।

देश में बेची जानी वाली सभी चाय एफएसएसएआई फूड सेफ्टी एंड स्टैंर्ड्स अथॉरिटी आॅफ इंडिया के मानदंडों के के अनुसार होनी चाहिए। हालांकि कनोरिया ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया है कि अधिकांश खरीदार जो चाय खरीद रहे हैं, उसमें असामान्य रूप से अधिक रासायनिक सामग्री होती है।

साल 2021 में भारत ने 19.59 करोड़ टन चाय का एक्सपोर्ट (Indian Export News) किया था। भारत से सबसे अधिक चाय कॉमनवेल्थ आॅफ इंडिपेंडेंट्स स्टेट्स और ईरान खरीदते हैं। भारतीय टी बोर्ड ने इस साल 30 करोड़ टन चाय के एक्सपोर्ट का लक्ष्य रखा हैं।

विदेशों में चाय खरीदारी के मानक देश के मानकों से अधिक कठोर है

कनोरिया ने कहा है कि कई देश चाय की खरीदारी (Indian Export News) को लेकर सख्त मानकों का पालन कर रहे हैं। अधिकतर देश यूरो​पीय यूनियन के मानकों से मिलते-जुलते नियमों का पालन करते हैं, जो हमारे एफएसएसएआई के नियमों से अधिक कठोर हैं।

उन्होंने कहा, कानून का पालन करने के बजाय कई लोग सरकार को एफएसएसएआई मानदंडों को और अधिक उदार बनाने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक गलत संदेश देगा क्योंकि चाय की गिनती एक हेल्दी पेय के रूप में की जाती है। टी बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस मुद्दे (Indian Export News) पर चाय पैकर्स और एक्सपोर्ट्स से शिकायतें मिली हैं।

उन्होंने कहा है कि यह फिर से जोर देकर कह रहे हैं कि चाय उत्पादकों को मौजूदा एफएसएसएआई मानदंडों का सख्ती से पालन करना चाहिए। कुछ उत्पादकों ने एफएसएसएआई से मिलकर मानदंडों में बदलाव की बात कही है। यह साफ है कि एक्सपोर्ट Indian Export News) करते समय खरीदार देशों के मौजूदा मानदंडों का पालन करना चाहिए।

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