अडानी का ऑयलटैंकिंग फील्ड में भी हुआ दखल, भारत-जर्मनी के संयुक्त उपक्रम Indian Oiltanking Limited में 1,050 करोड़ से 49.38 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी

इंडियन ऑयलटैंकिंग लिक्विड स्टोरेज सुविधाओं का विकास और उसका परिचालन करने वाली कंपनी है। आसान भाषा में इसका अर्थ तेल व गैस को रखने के लिए ऐसी विशालकाय टंकियों से है, जिसका छोटा रूप घरों की छतों पर रखी पानी की टंकियों में देखा जा सकता है...

Update: 2022-11-10 16:02 GMT

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Gautam Adani : मोदी शासन काल में भारत के तेजी से अमीर होते उद्योगपति गौतम अडानी के खाते में एक और कंपनी का अधिग्रहण किए जाने की उपलब्धि गुरुवार को जुड़ गई। गौतम अडानी के अडानी ग्रुप की पोर्ट कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड ने इंडियन ऑयलटैंकिंग लिमिटेड में 1,050 करोड़ रुपये में 49.38 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है।

इंडियन ऑयलटैंकिंग लिक्विड स्टोरेज सुविधाओं का विकास और उसका परिचालन करने वाली कंपनी है। आसान भाषा में इसका अर्थ तेल व गैस को रखने के लिए ऐसी विशालकाय टंकियों से है, जिसका छोटा रूप घरों की छतों पर रखी पानी की टंकियों में देखा जा सकता है।

इस महत्त्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि की घोषणा खुद अडानी ग्रुप ने की है। अडानी पोर्ट ने एक बयान में इस डील के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस डील में आईओटी उत्कल एनर्जी सर्विसेज लि. में 10 प्रतिशत अतिरिक्त इक्विटी हिस्सेदारी का अधिग्रहण शामिल है। आईओटीएल की इस सब्सिडियरी कंपनी में 71.57 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कम्पनी के बयान के अनुसार एपीसेज ने ऑयलटैंकिंग जीएमबीएच की इंडियन ऑयलटैंकिंग में 49.38 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिये समझौता किया है। यह कंपनी लिक्विड स्टोरेज सुविधाएं बढ़ाने और परिचालन करने वाली देश की सबसे बड़ी यूनिट है।

अडानी ग्रुप ने जिस आईओटीएल कंपनी का यह अधिग्रहण किया है, वह भारत सरकार की इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) और जर्मनी की ऑयलटैंकिंग जीएमबीएच की संयुक्त कंपनी है। आईओटीएल की वेबसाइट पर इसका पूरा ब्यौरा मौजूद है। पिछले 26 साल में आईओटीएल ने कच्चे और तैयार पेट्रोलियम के भंडारण के लिये पांच राज्यों में छह टर्मिनल का नेटवर्क बनाया है।

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