Hate Speech के खिलाफ जमीयत उलमा ए हिंद पहुंचा SC, पैगंबर का अपमान, इस्लाम पर हमला जैसा

जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद महमूद असद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि हेट स्पीच के भाषण दूसरे के विश्वासों पर सीमा से परे जाकर हमला है। इस मामले में शीर्ष अदालत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।

Update: 2022-01-02 04:03 GMT

Dharma Sansad : कट्टर हिंदूवादी यति नरसिंहानंद गाजियाबाद पुलिस से टकराने को भी तैयार, कहा - मंदिर में होगा धर्म संसद, इजाजत की जरूरत नहीं

नई दिल्ली। धर्म संसद ( Dharam Sansad ) में दिए गए हेट स्पीच ( Hate Speech ) के खिलाफ जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस मामले में एक मुस्लिम संगठन Jamiat Ulama-e-Hind ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) का दरवाजा खटखटाया है। याचिका के जरिए समुदाय विशेष के विरोध में नफरत भरे भाषणों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही इस बात का भी आरोप लगाया गया है कि राज्य के अधिकारी शिकायतों के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहे हैं।

इस्लाम पर हमला

मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा ए हिंद ( Jamiat Ulama-e-Hind )  ने अपने अध्यक्ष मौलाना सैयद महमूद असद मदनी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मदनी ने याचिका के जरिए कहा है कि इस तरह के भाषण दूसरे के विश्वासों के अनुमत आलोचनात्मक खंडन की सीमा से परे जाते हैं। यह निश्चित रूप से धार्मिक असहिष्णुता को भड़काने की संभावना है। याचिका में कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद ( PBUH ) का अपमान करना इस्लाम की नींव पर हमला करने के समान है। याचिका में कहा गया है कि कई हिंसक कृत्य हुए हैं, जिनमें कई कीमती जानें चली गई हैं। इनमें ज्यादातर समाज के कमजोर वर्ग के लोग हैं, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम समुदाय से हैं।

शिकायत के बावजूद अधिकारी कार्रवाई करने में विफल

अधिवक्ता एमआर शमशाद द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि संगठन ने "काफी" समय की प्रतीक्षा करने और राज्य के अधिकारियों को उपचारात्मक कार्रवाई के साथ-साथ निवारक उपायों के लिए उचित कदम उठाने के लिए समय देने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में इस बात का आरोप भी लगाया गया है कि इस मामले में संबंधित राज्य के अधिकारी हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई करने में पूरी तरह विफल रहे हैं।

बता दें कि 17 से 19 दिसंबर के दौरान हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन आश्रम में धर्म संसद का आयोजन किया गया था। तीन दिवसीय धर्म संसद में कुछ संतों ने भड़काऊ भाषण दिए थे। सोशल मीडिया पर उनका भाषण वायरल होने के बाद कुछ दिनों से इस पर सियासी और कानूनी बवाल मचा है। उत्तराखंड पुलिस ने ज्वालापुर के स्थानीय निवासी गुलबहार खान की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए हरिद्वार नगर कोतवाली में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ( वसीम रिजवी ) समेत तीन अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले ताजा अपडेट यह है कि हरिद्वार धर्म संसद के आयोजक यति नरसिंघानंद सरस्वती सहित दो के खिलाफ भी मामला दर्ज हो गया है। 

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