अफगानिस्तान में फंसे महाराजगंज के जंगबहादुर, परिवार ने लगाई मोदी और योगी से मदद की गुहार

जंग बहादुर घर में इकलौते कमाने वाले व्यक्ति हैं और उनकी छह बेटियां व पत्नी हैं। अभी वह परिजनों के संपर्क में बने हुए हैं....

Update: 2021-08-20 14:44 GMT

(जंग बहादुर की बेटी ने बताया कि उन्होंने पांच दिनों से खाना नहीं खाया है)

जनज्वार। अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता में कब्जे के बाद प्रत्येक देश अपने नागरिकों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है। भारत के दूतावास के कर्मचारियों और राजनयिकों को अपने देश ला चुका है। लेकिन अब भी कुछ वहीं फंसे हुए हैं। खबरों के मुताबिक भारत सरकार उन्हें भी निकालने का हर संभव प्रयास कर रही है।

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के श्यामदेउरवा का एक परिवार इन दिनों खौप में हैं। दरअसल उनके परिवार के जंग बहादुर बीते पांच साल पहले अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक प्राइवेट कंपनी में रहकर खाना बनाने का काम करते हैं। दो साल पहले बड़ी बेटी रंजीता की शादी करने के बाद जंग बहादुर फिर वापस काबुल चले गए थे।

लेकिन अब अचानक से अफगानिस्तान की सत्ता पलटने के बाद से वह वहां फंस गये हैं। परिजन उनकी चिंता में परेशान हैं और वतन वापसी के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक जंग बहादुर घर में इकलौते कमाने वाले व्यक्ति हैं और उनकी छह बेटियां व पत्नी हैं। अभी वह परिजनों के संपर्क में बने हुए हैं। जग बहादुर की बेटी मनीषा ने बताया कि मंगलवार की शाम पांच बजे उनके पिता का फोन आया था और काफी घबराए हुए हैं। पिछले पांच दिनों से खाना नहीं खाया है। परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी से मदद की गुहार लगाई है।

गांव के प्रधान जनार्दन यादव का कहना है कि जब से उन्हें गांव के एक व्यक्ति की अफगानिस्तान में फंसे होने की सूचना मिली है, परिवार की मदद में वह लोग जुटे हुए हैं।

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