पत्रकार अजय प्रकाश के समर्थन में उतरा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, कहा- तत्काल वापस लिया जाए उत्तराखण्ड में दर्ज मुकदमा

ARTO द्वारा उनकी टैक्सी गाड़ी अधिग्रहित किये जाने के दौरान की गई अभ्रदता व पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने के खिलाफ आज दर्जनों पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है...

Update: 2022-02-09 17:23 GMT

(पत्रकार अजय प्रकाश के समर्थन में उतरा PCI)

New Delhi: चर्चित न्यूज वेबसाइट जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश को चुनावी कवरेज के दौरान रोककर धमकी देने, जबरन गाड़ी छीन लेने व मुकदमा दर्ज किए जाने को लेकर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, 'हम पत्रकार के उत्पीड़न को समाप्त करने और उसके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग करते हैं।' इससे पहले ARTO द्वारा उनकी टैक्सी गाड़ी अधिग्रहित किये जाने के दौरान की गई अभ्रदता व पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने के खिलाफ आज दर्जनों पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रविन्द्र गढ़िया, उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के अधिवक्ता डीएस मेहता, समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार आदि के साथ हल्द्वानी पहुंचे अजय प्रकाश ने बताया कि वे NCR के निवासी हैं तथा न्यूज बेबसाइट जनज्वार डॉट काम (www.janjwar.com) के संपादक हैं। अपने 3 दिवसीय चुनावी कवरेज के लिए भ्रमण हेतु रुद्रपुर से एक टैक्सी स्विफ्ट डिजायर संख्या UK 06 TA 5271 को किराए पर लेकर सर्वप्रथम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह की धामी की विधानसभा क्षेत्र खटीमा की चुनावी कवरेज के लिए अपने सहयोगी अंकित गोयल के साथ निकले थे।

ये था पूरा मामला

7 फरवरी को दिन में 1 बजे पुल भट्टा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रिलायंस पैट्रोल पंप के पास पहुंचने पर अचानक ARTO विपिन कुमार सिंह ने उनकी टैक्सी को रोक लिया तथा कागज चेक कराने के लिए कहा। कागज देखने के बाद एआरटीओ बिपिन कुमार सिंह ने कागज जब्त कर लिए और कहा कि तुम्हारी गाड़ी विधानसभा चुनाव के लिए अधिग्रहित की जा रही है। इतना ही नहीं एआरटीओ महोदय ने मां-बहन की गाली-गलौज करते हुए चालक को जेल में डालने की धमकी देते हुए, अजय प्रकाश तथा मेरे सहयागी अंकित गोयल को जबरन गाड़ी से उतारकर कहा कि अब आप लोग जा सकते हैं। ये गाड़ी चुनाव ड्यूटी के लिए अधिग्रहित कर ली गयी है।

मौके पर मौजूद ARTO से अजय प्रकाश ने निवेदन भी किया कि वह उत्तराखंड में 3 दिन के सीमित समय के लिए चुनावी कवरेज के लिए आये हैं तथा खटीमा, सितारगंज, रुद्रपुर, लालकुआं, हल्द्वानी, कालाढूंगी रामनगर व सल्ट आदि विधानसभा क्षेत्र में चुनावी कवरेज का मेरा व्यस्त कार्यक्रम है। बावजूद इसके अचानक उनकी गाड़ी राह चलते जब्त कर ली गई थी। वरिष्ठ पत्रकार ने उन्हें अपना परिचय पत्र भी दिखाया। लेकिन एआरटीओ विपिन कुमार सिंह ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए, थानाध्यक्ष राजेश पांडे व अन्य पुलिस कर्मियों को मौके पर बुला लिया।'

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बकौल अजय प्रकाश ARTO विपिन कुमार सिंह ने थानाध्यक्ष राजेश पांडे के साथ मिलकर हम तीनों का मोबाईल फोन छीन लिया। इसके बाद उन्होंने जबरन मुझे, मेरे सहयोगी अंकित गोयल व टैक्सी चालक विनोद कुमार को बलपूर्वक पुलिस जीप में डालककर पुल भट्टा थाना ले गये। वहां पर हम तीनों को एक कमरे में लगभग 9 घंटे के लिए बंद कर दिया गया।

थाने ले जाकर अपराधियों जैसा बर्ताव

अजय प्रकाश बताते हैं कि, इस दौरान शाम को 6 बजे तक ARTO महोदय बिपिन कुमार सिंह अपनी ड्यूटी छोड़कर पुलभट्टा थाने में ही बैठे रहे। वहां पर थानाध्यक्ष राजेश पांडे ने हमारी बात सुनने से ही इंकार कर दिया तथा हमारे साथ दुर्व्यवहार भी किया। एआरटीओ के जाने के बाद बड़ी मिन्नतों से सायं लगभग 6 बजे हमें फोन वापस दिये गये। रात्रि में हमें बताया गया कि तुम्हारे खिलाफ IPC की दफा 186,188,269,270,353 व आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 56 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मेरा नाम पता व पत्रकार का पेशा जानने के बाबजूद भी FIR में जानबूझकर मेरा तथा मेरे सहयोगी अंकित गोयल का पता गलत दर्ज किया गया और रात्रि लगभग 10 बजे हमें दफा 41 का नोटिस देकर छोड़ दिया गया। रात्रि में जैसे-जैसे हमने रुद्रपुर पहुँचकर अपने एक परिचित के घर पर शरण ली।'

गौरतलब है कि ARTO विपिन सिंह व पुलभट्टा के थानाध्यक्ष राजेश पांडे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता पर हमला करते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता को बाधित किया है। राह चलते किसी पत्रकार या व्यक्ति को उसके गन्तव्य तक जाने से रोकना न केवल गैर कानूनी है बल्कि देश के नागरिकों के संविधान प्रदत्त अधिकारों का भी उल्लंघन है।

उत्तराखंड सरकार से रखी गई ये मांग

अजय प्रकाश ने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि ARTO विपिन कुमार सिंह के खिलाफ पत्रकार की कवरेज को बाधित करने के लिए इस्तेमाल की जा रही टैक्सी को सीज करने व थानाध्यक्ष राजेश पांडे के साथ मिलकर दिन भर थाने में बैठाए रखकर, चुनावी कवरेज से रोकने व प्रताड़ित किए जाने के लिए उन्हें तुरंत निलंबित कर, उनके खिलाफ विभागीय जांच कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए, पुलभट्टा थाना जिला ऊधमसिंहनगर (उत्तराखंड) में दर्ज फर्जी FIR सं. 0024/2022 को अबिलम्ब वापस लिया जाए, उचित निर्देश जारी कर सुनिश्चित किया जाए कि पत्रकार द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों व किसी भी सवारी या नागरिक को गन्तव्य तक पहुंचाने के दौरान किसी भी यात्री के आवागमन में किसी भी अधिकारी द्वारा कोई रुकावट न डाली जाए, यह सुनिश्चित किया जाए प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता बिना किसी बाधा के पूरी की जा सके।

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रविन्द्र गढ़िया ने इसे मीडिया पर हमला बताते हुए कहा कि अधिग्रहण के लिए कानूनन गाड़ी मालिक को लिखित में नोटिस दिया जाने चाहिए। इस प्रकार की कार्यवाही सरकारी काम की आड़ में गुंडागर्दी है। इसका विरोध करने पर मुकदमा लगाया है रहा है। इस मामले में भी आठ घण्टे तक पत्रकार को बिना किसी एफआईआर के थाने में अवैध हिरासत में रखा गया।

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