Kaali Poster Controversy : शिवराज सरकार ने लीना के खिलाफ केंद्र से लुक आउट नोटिस की मांग की, ट्विटर से कही ये बात
Kaali Poster Controversy : लीना मणिमेकलई अपने स्टैंड पर कायम हैं और अब उन्होंने भारत को नफरती मशीन करार दिया है।
Kaali Poster Controversy : मां काली ( Maa Kaali )के आपमान के मुद्दे पर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ( Shivraj Government ) ने सख्त कदम उठाया है। एमपी सरकार ने जहां केंद्र सरकार ( Central government ) से लीना मणिमेकलई ( Leena Manimekalai ) के खिलाफ लुकआउट नोटिस ( Look Out Notice ) जारी करने की मांग की है वहीं ट्विटर को चिटठी के जरिए लीना का ट्विट हटाने को कहा है। इसके उलट लीना अपने स्टैंड पर कायम हैं और अब उन्होंने भारत को नफरती मशीन करार दिया है। अगर एमपी सरकार की अपील पर लीना मणिमेकलई खिलाफ लुक आउट नोटिस (Look out notice) जारी हुआ तो वो देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकती।
ट्विटर को लिखा पत्र
इससे पहले एमपी सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए ट्विटर को पत्र लिखा था। एमपी सरकार ने ट्विटर को लीना के ट्वीट हटाने के लिए कहा है। एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (MP Home Minister Narottam Mishra) के निर्देश पर भोपाल के DCP (क्राइम) ने ट्विटर के लीगल डिपार्टमेंट को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है, जिसमें लीना के विवादित पोस्टर हटाने के लिए कहा गया था। इस पत्र में ट्विटर को साफ कहा गया है कि अगले 36 घंटे में आपत्तिजनक ट्वीट हटाए जाएं।
क्या है पूरा मामला?
Kaali Poster Controversy : दो दिन पहले फिल्म मेकर लीना मणिमेकलई ( Leena manimekalai ) ने अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' का पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया था। उन्होंने अपने पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते दिखाया है। इसके साथ ही उनके एक हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा भी था। पोस्टर के सामने आते ही देशभर में इस पर बहस छिड़ गई। भारत में अगल-अलग जगहों पर लीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने लीना का समर्थन किया है। इस पर सीएम ममता बनर्जी ने मोइत्रा को नसीहत दी है और आम लोगों की भावनाओं का ख्याल रखने को कहा है।
क्या होता है लुकआउट नोटिस
लुकआउट नोटिस ( Look Out Notice ) एक तरह का सर्कुलर है जो अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए जारी किया जाता है कि आपराधिक मामले में नामित व्यक्ति देश से भाग न जाए। एलओसी तब जारी किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने खिलाफ दर्ज किसी विशेष मामले में फरार हो और यह डर हो कि वह व्यक्ति देश छोड़ कर भाग सकता है। पुलिस देश के बाहर किसी व्यक्ति की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी इसका इस्तेमाल करती है।