कानपुर हादसा : मृतक मंगेतर को आखिरी बार देखने नंगे पैर दौड़ आई होने वाली दुल्हन, डोली से पहले उठी पिता की अर्थी

नंगे पांव पहुँची दुल्हन का रो-रोकर बुरा हाल था। लड़की के पिता ने कहा कि उनका सपना बेटी को लाल जोड़े में भेजने का था, उन्हें ये नहीं पता था कि बेटी को नंगे पांव सादे कपड़े में लाना पड़ेगा...

Update: 2021-06-10 03:55 GMT

सचेंडी के गांव लाल्हेपुर में सबसे अधिक 15 लोगों की मौत हुई है.पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. photo - janjwar

जनज्वार, कानपुर। कानपुर के सचेंडी में हुए सड़क हादसे में 19 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इलाके के दो गांवों में मातम का माहौल है। हर आँख रो रही है, हर तरफ सिसकी और चित्कार की आवाजें सुनाई दे रही है। किसी का बेटा, किसी का पिता तो किसी ने अपना पति इस हादसे में खो दिया है। 

सचेंडी के सड़क हादसे में लाल्हेपुर निवासी धनीराम के तीन बेटे जिसमें 24 साल का राममिलन, 22 साल का शिवभजन सहित 19 साल के लवलेश की मौत हो गई। एक साथ तीन-तीन बेटों की मौत से माँ बार-बार गश खाकर गिर जा रही है। पिता ने बताया कि अभी 10 दिन पहले ही तीनो बेटों ने कंपनी से एडवांस लेकर मां के पेट का ऑपरेशन कराया था। 

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राम मिलन की शादी भी बिधनू के बिनगवां में तय हो गई थी। उसकी जुलाई में बारात जानी थी। हादसे की खबर सुनकर बिनगवां से परिवार के साथ राम मिलन की होने वाली दुल्हन भी पहुँची थी। नंगे पांव पहुँची दुल्हन का रो-रोकर बुरा हाल था। लड़की के पिता ने कहा कि उनका सपना बेटी को लाल जोड़े में भेजने का था, उन्हें ये नहीं पता था कि बेटी को नंगे पांव सादे कपड़े में लाना पड़ेगा।

बेटी की डोली से पहले पिता की अर्थी

40 वर्षीय मृतक करन सिंह यादव पिछले 10 सालों से फैक्ट्री में काम कर रहे थे। परिवार में पत्नी उर्मिला, एर बेटा विवेक तथा दो बेटियां काजल व सपना हैं। सपना दिव्यांग है। विवेक ने बताया कि पिता ने बहन काजल की शादी ककवन में तय की थी। शादी की तैयारियां चल रहीं थीं। लेकिन इससे पहले ही पिता की मौत हो गई। सभी पिता को याद कर फफक उठते हैं।

4 दिन पहले तय की थी बहन की शादी

इस हादसे में जान गंवाने वाले लाल्हेपुर निवासी 19 वर्षीय सुभाष जब छोटा था तो सिर से पिता का साया उठ गया था। घर में माँ उषा देवी, 11 साल का भाई सौरभ व 21 साल की बहन मोनी है। माँ ने बिलखते हुए बताया कि पति की मौत के बाद पेट काटकर बच्चों को बड़ा किया। सुभाष बड़ा हुआ तो उसने घर की जिम्मेदारी संभाल ली। 4 दिन पहले ही उसने बहन की शादी तय की थी। बहन की शादी की चिंता में डबल शिफ्ट में काम करता था। इतना कहकर माँ बेहोश हो गई।

बेटे को नहीं दी गई बाप के मौत की खबर

लाल्हेपुर के ही 55 वर्षीय उदय नारायण की हादसे मौत हो गई। उनका इकलौता बेटा 34 वर्षीय कुलदीप यादव एक प्राइवेट अस्पताल में बीमारी के चलते भर्ती है। परिजनो ने पिता की मौत की खबर बेटे को अभी तक नहीं दी है। जिसके कारण इकलौता बेटा पिता की लाश को मुखाग्नी भी नहीं दे सका।  

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