सेटेलाइट तस्वीरों में नजर आया चीन का खतरनाक मंसूबा, सैन्य जमावड़े के साथ निर्माण कार्य जारी

चीन के मंसूबे कितने खतरनाक हैं यह 15 जून के धोखे से उसके द्वारा किए गए हमले के बाद आ रहे एक-एक प्रमाण से पता चलता है...

Update: 2020-06-25 02:33 GMT
File Photo.

जनज्वार। चीन अपनी दोरंगी नीतियों से बाज नहीं आ रहा है। एक ओर वह लगातार भारत से कूटनीतिक व सैन्य वार्ता का राग अलाप रहा है और इस दिशा में प्रक्रिया भी आगे बढ चुकी है, वहीं दूसरी ओर वह वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर अपनी गतिविधियों को और बढाता जा रहा है। इसका खुलासा नई आई सैटेलाइट तसवीरों से भी हुआ है। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में पहले ही इस बात की तसदीक कर दी गई थी।

चीन ने उस जगह अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है जहां 15 जून की रात टकराव हुआ था। जो नई सेटेलाइन तसवीरें आई हैं वे 22 जून की हैं और इससे पता चलता है कि चीन ने ने किस तरह सैनिकों के जमावड़े बढाए हैं, मिलिट्री वाहन, पृथ्वी पर चलने वाली मशीनों का उपयोग हो रहा है और निर्माण कार्य किया जा रहा है। भारत ने पेट्रोल प्वाइंट 14 के पास चीन की गतिविधियों और उसकी निगरानी चौकी को पाया था जिसका हमारे सैनिकों ने विरोध किया, जिसके बाद टकराव हुआ था।

नई सेटेलाइट तसवीरें यूएस फर्म मैक्सर टेक्नोलाॅजी ने जारी किए हैं। इसमें यह स्प्ष्ट है कि वह न सिर्फ उत्तर लद्दाख में कायम है बल्कि उसने अपनी सैन्य उपस्थिति को और मजबूत किया है। इससे यह भी पता चलता है कि संभवतः वह पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास अब नया और बड़ा निगरानी पोस्ट बना रहा है। 

नई सेटेलाइट तसवीरों में एलएसी के पास चीनी सेना के बंकर दिख रहे हैं। साथ ही चीन के जवान और उनके कुछ ढांचे दिख रहे हैं। ये उसके सैन्य निर्माण कार्य व सक्रियता का हिस्सा है। 15 जून को चीन भारतीय सैनिकों के साथ तब झड़प कर बैठा था जब उन्होंने उसके एलएसी पर उसके अवैध निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया था। निगरानी चौकी के निर्माण का भारतीय सेना ने विरोध किया था। इस दौरान हुए संघर्ष में हमारे 20 जांबाज सैनिकों को उसने धोखे से शहीद किया था। चीन सेना ने फिर से 14वें पेट्रोलिंग प्वाइंट के पास कुछ ढांचा खड़ा किया है। 

पोंगोग सो लेक और गलवान घाटी के अलावा दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख के देमचोक, गोगरा हाॅट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी गतिरोध जारी है। कल ही यह खबर आई थी कि चीन दौलत बेग ओल्ड के निकट भी अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई महत्वपूर्ण सेक्टरों में सैनिकों की संख्या और हथियार दोनों बढाए हैं।

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