Kerala : अडानी पोर्ट के समर्थन में एक मंच पर आये भाजपा-वामपंथी नेता, कहा - मछुआरों के हित में काम करेगी सरकार
केरल की एलडीएफ सरकार अडानी पोर्ट निर्माण कार्य रोकने के अलावा मछुआरों की सभी मांगों पर विचार करने के लिए तैयार है।
तिरुवनंतपुरम : विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना ( Vizhinjam International Port Project ) के खिलाफ स्थानीय मछुआरों का आंदोलन ( Fishermen protest ) लंबे अरसे से अडानी पोर्ट ( Adani Port ) के खिलाफ जारी है। मछुआरों के आंदोलन से अडानी पोर्ट पर निर्माण कार्य भी गति नहीं पकड़ पाई है। मछुआरों का आरोप है कि अडानी की परियोजना की वजह से मछुआरों की आजीविका ( livelihood of fishermen ) को खतरा है। जब तक सरकार मछुआरों के हित में कदम नहीं उठाती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
दूसरी तरफ मछुआरों के आंदोलन की वजह से केरल ( Kerala ) में धुर विरोधी वामपंथी ( Left Parties ) और भाजपा ( BJP ) नेताओं को एक मंच पर ला दिया है। एक मंच पर आने की वजह ये है कि केंद्र और राज्य सरकारें चाहती हैं कि अडानी पोर्ट ( Adani Port ) पर तेजी से काम पूरा हो और वहां से दैनिक गतिविधियों क लिए पोर्ट का संचालन हो सके। इस बात को ध्यान में रखते हुए दोनों पार्टियों के जिला नेताओं ने मंगलवार को सेव विझिंजम पोर्ट एक्शन काउंसिल ( Vizhinjam Port Action Council ) द्वारा सरकारी सचिवालय तक निकाले गए "लॉन्ग मार्च" में हिस्सा लिया। आंदोलन में स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने भी मार्च में हिस्सा लिया।
अडानी पोर्ट के समर्थन में आयोजित लॉन्ग मार्च में शामिल लोगों को वामपंथी पार्टी जिला सचिव अनवूर नागप्पन और भाजपा जिलाध्यक्ष वीवी राजेश ने सचिवालय के सामने संबोधित किया। बता दें कि लॉन्ग मार्च काउंसिल एक सामूहिक प्रयास है। इस काउंसिल से विझिंजम और उसके आसपास के क्षेत्रों के लोग जुड़े हैं। यह पहली बार है कि सीपीएम और भाजपा के नेता आंदोलन के खिलाफ सार्वजनिक मंच पर एक साथ आ गए हैं।
विझिंजम पोर्ट एक्शन काउंसिल के प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मछुआरों के आंदोलन को एक खास समूह द्वारा नियंत्रित है, जिनका मकसद पोर्ट के काम को पूरा नहीं होने देना है। इसके पीछे विरोधी गुट के अपने निहित स्वार्थ हैं और इसलिए सरकार द्वारा उनकी मांगों पर सहमति जताने के बाद भी मछुआरों का आंदोलन जारी है।
सीपीएम ( CPM ) के नेताओं का कहना है कि सरकार आंदोलनकारियों के साथ हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है। राजेश ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें जल्द से जल्द निर्माण पूरा करने का प्रयास कर रही हैं। आंदोलन योजना को तोड़फोड़ करने का एक प्रयास है। भाजपा भी चाहती है कि अडानी पोर्ट पर काम जल्द से जल्द पूरा हो जाए।
दरअसल, एलडीएफ सरकार प्रदर्शनकारियों की कुछ मांगों पर विचार करने के लिए तैयार हो गई थी, लेकिन निर्माण रोकने से साफ इनकार कर दिया है। केरल हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि किसी भी विरोध से निर्माण कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए।
14 गुना बढ़ सकता है यूडीएफ शुल्क
दूसरी तरफ अडानी समूह ने आगामी फरवरी से 31 मार्च 2024 तक के लिए वैमानिकी शुल्क में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव पर एक फरवरी 2023 से अमल तय माना जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने यूजर डेवलपमेंट फीस मौजूदा 100 रुपए प्रति घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री से बढ़ाकर क्रमश: 703 रुपए और 1,400 रुपए करने की मांग की है। इतना ही नहीं, अडानी समूह ने वित्त वर्ष 2026 में 775 रुपए और 1,544 रुपए अतिरक्त वार्षिक बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी रखा है। यूडीएफ का भुगतान सीधे यात्रियों द्वारा किया जाता है। AIAL ने 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक तीसरी नियंत्रण अवधि के लिए हवाईअड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण AERA को अपना टैरिफ कार्ड जमा कर दिया है।