Kerala Lesbian Couple News: समलैंगिक जोड़े को परेशान कर रहे मां-बाप, कोर्ट ने बचाया

Kerala Lesbian Couple News: नूरा के परिवार वालों ने उसे जबरदस्ती ले जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस की मदद से इस कोशिश को विफल कर दिया गया। लेकिन परिवारों ने दोनों को अलग करने की कोशिशें जारी रखीं।सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ही फैसला दे दिया था कि समलैंगिकता कोई अपराध नहीं है...

Update: 2022-06-01 11:45 GMT

Kerala Lesbian News : समलैंगिक जोड़े को परेशान कर रहे मां-बाप, कोर्ट ने बचाया

Kerala Gay Couple News: 22 साल की आदिला नाजरीन और फातिमा नूरा पहले सऊदी अरब में रहती थीं और पांच साल पहले वहीं दोनों एक दूसरे के प्यार के बंधन में पड़ गयी थीं। पर दोनों के परिवारवालों को यह रिश्ता कतई मंजूर नहीं था। डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों के परिवार वाले उनके दोनों के बीच के संबंध के सख्त खिलाफ थे। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में दोनों लड़कियां अपने अपने परिवार को सऊदी अरब में ही छोड़ कर केरल आ गईं थी। इसके बावजूद दोनों के परिवारों का विरोध जारी रहा। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक परिवारों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद दोनों ने एलजीबीटीक्यूआई समुदाय के लोगों की मदद करने वाली कोझिकोड स्थित संस्था 'वान्या कलेक्टिव' की शरण ली।

परिवार ने किया प्रताड़ित

उसके बाद नूरा के परिवार वालों ने उसे वहां से जबरदस्ती ले जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस की मदद से इस कोशिश को विफल कर दिया गया। लेकिन परिवारों ने दोनों को अलग करने की कोशिशें जारी रखीं।सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ही फैसला दे दिया था कि समलैंगिकता कोई अपराध नहीं है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आदिला के माता पिता ने उसके और फातिमा के प्रेम को स्वीकार करने का झूठ बोल कर दोनों को बहला फुसला कर अलुवा स्थित अपने घर पर बुला लिया। लेकिन वहां से फातिमा का परिवार उसे जबरदस्ती अपने साथ ले गया।

आदिला का आरोप है कि उसके माता पिता ने उसके साथ मारपीट भी की। शनिवार 28 मई को फातिमा ने फेसबुक पर एक वीडियो डाल कर मदद की गुहार लगाई, जिसमें उसने यह भी बताया कि फातिमा के माता पिता उसे अवैध कन्वर्जन थेरेपी कराने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

कानूनी लड़ाई जारी है

इसके बाद आदिला ने पुलिस से शिकायत की और फिर केरल हाई कोर्ट में एक हेबियस कोर्पस याचिका दायर की। अदालत में याचिका को मंजूर कर लिया और फिर उसके आदेश पर पुलिस फातिमा को अदालत के सामने ले आई।

भारत में अभी भी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं है

फातिमा ने जस्टिस के विनोद चंद्रन और सी जयचंद्रन की एक डिवीजन बेंच को बताया कि वह आदिला के साथ रहना चाहती है, जिसके बाद बेंच ने उसे आदिला के साथ भेज दिया। पीठ ने कहा कि दोनों लड़कियां वयस्क हैं और दो वयस्कों के एक साथ रहने में कोई कानूनी बाधा नहीं है। यह मामला एलजीबीटीक्यूआई समुदाय के लोगों के साथ पेश आने वाली मुश्किलों को रेखांकित करता है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ही फैसला दे दिया था कि समलैंगिकता कोई अपराध नहीं है, लेकिन इसके बावजूद समलैंगिक जोड़ों को निरंतर परिवार और समाज के विरोध का सामना करना पड़ता है। कानून की तरफ से भी अभी समलैंगिकता को पूरी तरह से स्वीकारा जाना बाकी है. भारत में अभी भी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिली है। इसके लिए कई अदालतों में याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है।

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