Lata Dinanath Mangeshkar Award : क्या ढोल, नगाड़े, चिमटे और बांसुरी बजाने पर मिला PM मोदी को लता मंगेशकर अवॉर्ड? ट्विटर यूजर्स पूछ रहे ऐसे सवाल

Lata Dinanath Mangeshkar Award : पुरस्कार मिलने के बाद मोदी ने कहा कि जब पुरस्कार लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम पर हो तो यह मेरे लिए प्यार का एक प्रतीक है, मैं यह पुरस्कार अपने सभी देशवासियों को समर्पित करता हूं.....

Update: 2022-04-25 07:15 GMT

Lata Dinanath Mangeshkar Award : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला पहला लता दीनानाथ मंगेशकर अवार्ड

Lata Dinanath Mangeshkar Award : दिवंगत मशहूर गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को श्रंद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को कहा कि वह भारत की सांस्कृतिक राजदूत थीं जिन्होंने अपने लंबे करियर में लगभग आठ दशकों तक संगीत की दुनिया में अमिट छाप छोड़ी है। मोदी मुंबई के षणमुखानंद हॉल में बोल रहे थे जहां उन्हें पहले 'लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार' (1st Lata Dinanath Mangeshkar Award) से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार को लता मंगेशकर की याद में शुरु किया गया है। मंगेशकर का इसी साल फरवरी में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। 

प्रधानमंत्री मोदी ने गायिका को 'संज्ञीत की साम्राज्ञी' के रूप में सलाम करते हुए कहा कि लता मंगेशकर उनकी बड़ी बहन के समान थीं। पुरस्कार मिलने के बाद मोदी ने कहा कि जब पुरस्कार लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम पर हो तो यह मेरे लिए प्यार का एक प्रतीक है। मैं यह पुरस्कार अपने सभी देशवासियों को समर्पित करता हूं। जैसे वो सभी के लिए खड़ीं थीं उसी तरह उनकी स्मृति में यह पुरस्कार सभी का है। लता दीदी से एक बहन का प्यार पाने से बड़ा और सौभाग्य क्या हो सकता है जिन्होंने पीढ़ियों को प्यार और भावना का उपहार दिया है।

मोदी ने लता मंगेशकर को सादगी की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि उनके हजारों गीतों में उनकी आवाज ने लगभग अस्सी साल तक संगीत की दुनिया पर छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा, लता दीदी ने तीस से अधिक भाषाओं में गाया। वह हर क्षेत्र के लोगों के लोगों के दिलों मौजूद हैं। उन्होंने अपने मधुर गायन से हमारे महान कवि संत तुलसीदार, ज्ञानेश्वर, मीराबाई और नर सिंह मेहता के भक्ति गीतों को जनचेतना में लाने में मदद की।

मंगेशकर परिवार के साथ अपने मधुर संबंधों और लंबे जुड़ाव की बात करते हुए मोदी ने याद दिलाया कि कैसे सुधीर फड़के (दिवंगत शास्त्रीय गायक) ने उन्हें 40-45 साल पहले सुश्री मंगेशकर से मिलवाया था। उन्होंने कहा, तब से मुझे असीम स्नेह प्राप्त हुआ है। मैं बड़े गर्व से कहता हूं कि लता दीदी मेरी बड़ी बहन के समान थीं। गायकों की पीढ़ियां उनसे प्रेरित रही हैं।

प्रधानमंत्री ने पुणे के दिवंगत गायक द्वारा स्थापित दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल का विशेष उल्लेख किया और गरीबों, खासतौर पर कोविड महमारी के दौरान उसकी सेवाओं की भी सराहना की। मोदी के साथ मंच पर आशा भोसले, उषा मंगेशकर और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी थे। महाराष्ट्र के पर्यावरण और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने प्रधानमंत्री का मुंबई एयरपोर्ट पर स्वागत किया। 

सोशल मीडिया पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवार्ड मिलने की खूब चर्चा है। पवन अंबेडकर नाम के एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा- शास्त्रीय गायन की ध्रुपद, धमार, ख्याल, ठुमरी, टप्पा, लक्षण गीत, तराना, भजन, चतुरंग और त्रिवट शैली में अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत का नाम ऊंचा करने वाले विश्वविख्यात गायक श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी को लता मंगेशकर अवार्ड मिलने पर बहुत-बहुत बधाई।

एक अन्य ट्विटर यूजर रियाज खान ने लिखा- मोदी को लता मंगशकर अवार्ड क्यों? संगीत से क्या रिश्ता है या संगीत के लिए क्या योगदान है? मूर्खों, देश का बैंड कौन बजा रहा है?

खुर्शीद अंसारी नाम के यूजर ने ट्वीट करते हुए तंज कसा- 'श्री श्री ढेंचू महाराज को लता दीनानाथ मंगेशकर अवार्ड दिया गया। नरेंद्र मोदी को बधाई देने से पहले ये पता ज़रूर कर लेना कि कहीं "संगीत" ने आत्महत्या तो नहीं कर ली ?'

सुनील साहिल नाम के यूजर ने लिखा- 'मोदी जी ने जगह-जगह ढोल, नगाड़े, चिमटे, बांसुरी तो शौकिया बजाये थे, उन्हें क्या पता था इसके लिए उन्हें पहला लता दीनानाथ मंगेशकर अवार्ड मिल जाएगा।'

विकास पंडित नाम के यूजर ने तंज कसते हुए लिखा- नेहरू राग आठ साल तक अनवरत गाने के लिए मोदी को पहला लता मंगेशकर अवार्ड।

एक यूजर ने लिखा पहला लता मंगेशकर अवार्ड किसी कम प्रसिद्ध गायक को भी दिया जाता तो बात समझ में आती लेकिन किसी बेसुरे को दे देना मतलब इस अवार्ड के साथ लता ताई को भी बेइज्जत करना समझा जाएगा।

अविनाश तिवारी ने तंज कसते हुए लिखा- मन की बात कार्यक्रम द्वारा अपना ही राग अलापने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला लता दीनानाथ मंगेशकर अवार्ड। वाह मोदी जी वाह।

हालांकि मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष केवल एक व्यक्ति को 'देश में उसके लोगों और समाज के लिए पथ प्रदर्शक, शानदार और अनुकरणीय योगदान' के लिए दिया जाता है। पुरस्कार प्रशस्ति पत्र में भारत को वैश्विक नेतृत्व की राहल लाने वाले 'इंटरनेशनल स्टेट्समैन' के रूप में पहले पुरस्कार प्राप्तकर्ता मोदी की प्रशंसा की गई है।

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