Lucknow News : आशा वर्कर्स ने मांगा राज्य कर्मचारी का दर्जा, लखनऊ के इको गार्डेन में किया धरना प्रदर्शन

Lucknow News : ऐक्टू राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी ने कहा कि योगी मोदी की सरकार स्कीम वर्कर्स को बिना न्यूनतम वेतन दिए बंधुआ मजदूरों जैसा काम करवा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा...

Update: 2021-12-14 14:41 GMT

(लखनऊ के इको गार्डन में प्रदर्शन करतीं आशा वर्कर्स)

Lucknow News : ऐक्टू से सम्बद्ध उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन (Asha Workers) ने आशा वर्कर्स को राज्य कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम वेतन की गारंटी, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा आदि मांगों के करने के समर्थन में लखनऊ के इको गार्डेन (Eco Garden) में राज्यस्तरीय धरना प्रदर्शन किया।

धरने मुख्य वक्ता के रूम में ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव शशि यादव (Shashi Yadav) ने कहा कि आशा वर्कर्स राष्ट्रीय योजना (Asha Workers National Scheme) के रूम में पूरे देश में अलग अलग नाम से लागू है और अलग-अलग राज्यों में अलग अलग मानदेय भी दिया जाता है, जो कि श्रमिक कानूनों का घोर उलंघन है, जिसके खिलाफ हम लगातार राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन चलाते हुए हम यह मांग कर रहें है कि स्कीम वर्कर्स के लिए राष्ट्रीय सेवा नियमावली बनाई जाय, केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन दिया जाय।

धरने के मुख्य अतिथि ऐक्टू राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी ने कहा कि योगी मोदी की सरकार स्कीम वर्कर्स को विना न्यूनतम वेतन दिए बंधुआ मजदूरों जैसा काम करवा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

शाहजहांपुर की आशा वर्कर्स कवलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने मांग पत्र देने का निवेदन करना भी इस राज्य में इतना बड़ा गुनाह हो गया है कि पुरूष पुलिस ने आशा बहनों के साथ घोर अमानवीय व्यवहार किया और आशा वर्कर्स पूनम पांडेय को गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की गई, उनका हाथ तोड़ दिया गया। इतने ज़ुल्म ज्यातति के बावजूद भी पीड़िता पूनम पांडेय के ही खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पूरे प्रदेश में आशा/संगिनि बहनों के काम के पैसे अधिकारी खाएं जा रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ बोलने पर दमन किया जा रहा है लेकिन हम अपने शोषण के खिलाफ संघर्ष करते हुए शोषकों को बेनकाब करेंगे।

धरने का समर्थन करते हुए इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. कमल उसरी ने कहा कोरोना महामारी के संकट के दौरान कोरोना वैरीयर्स के रूप आशा बहनों के अपने जान की परवाह किए वगैर देश हित, समाज हित में रात दिन काम किया लेकिन यह निर्दयी- निर्मम सरकार आशाओं को कोरोना वैरीयर्स का सम्मान देते राज्य कर्मचारी का दर्जा देने के बजाए इनका शोषण दमन कर रही है।

डॉ.उसरी ने आगे कहा कि हम आपके धरने का समर्थन करते हुए कहना चाहते हैं कि जिन ट्रेनों में बैठकर आप सब प्रदेश के दूर दराज इलाकों से यहां तक आई है वो हमारी आप की रेलवे को भी सरकार बेच रही है। इसके खिलाफ हम लगातार आंदोलन चला रहे है। आपको हमें संयुक्त किसान मोर्चा के एकजुटता वाले एतिहासिक आंदोलन से सीखते हुए, सभी तरह के मेहनतकशो, कर्मचारियों की व्यापक एकता बनाकर ही श्रमिक विरोधी तानाशाही फ़ासीवादी सरकार को हराया जा सकता है।

धरने में मुख्य रूप से रायबरेली से गीता मिश्रा, इलाहाबाद से फुलपुर मंजू देवी, प्रतापुपुर से बबिता सिंह, जसरा से सरोज कुशवाहा, सीतापुर से राम देवी, बरेली से राम श्री गंगवार, बाराबंकी से अनिता रावत, कानपुर से अमिता पाल, ऐक्टू राज्य सचिव अनिल वर्मा, राज्य अध्यक्ष विजय विद्रोही, साधना पाण्डेय, सरोजिनी, कमला, राम सिंह, देवानंद, एस एम जैदी, गौरव सिंह, राणा प्रताप सिंह सहित कई अन्य आशाओं ने भी धरने को सम्बोधित किया।

अंत में उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन राज्य संयोजक सरोजनी बिष्ट ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सम्बंधित अधिकारी को सौंपा, धरने की अध्यक्षता अनिता मिश्रा और संचालन अफ़रोज़ आलम ने किया।

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