ट्रेन के ट्रैक में फंसी लड़की को बचाने में महबूब ने लगा दी जान की बाजी, बिना शुक्रिया रोते हुए चली गई...
Bhopal News: लड़की को फंसा हुआ देख मौके पर मौजूद कारपेंटर महबूब अपनी जान की परवाह किए बगैर उसे बचाने मालगाड़ी के नीचे घुस गए। वह लड़की को लेकर पटरियों पर लेट गया...
Bhopal News: मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित बरखेड़ी इलाके में खुद की जान जोखिम में डालकर कारपेंटर ने लड़की की जान बचाई। दरअसल, लड़की रेलवे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के नीचे से ट्रैक पार कर रही थी। इसी बीच मालगाड़ी चल दी। लड़की मदद के लिए चीखने लगी। लड़की को फंसा हुआ देख मौके पर मौजूद कारपेंटर महबूब अपनी जान की परवाह किए बगैर उसे बचाने मालगाड़ी के नीचे घुस गए। वह लड़की को लेकर पटरियों पर लेट गया।
इसके बाद दोनों के ऊपर से ट्रेन के 26 डिब्बे गुजर गए। दोनों सुरक्षित हैं। घटना 5 फरवरी की है। शुक्रवार को महबूब को स्वयंसेवी संस्था चलाने वाले शोएब हाशमी ने सम्मान किया। महबूब के पास मोबाइल नहीं था। शोएब ने उन्हें नया मोबाइल गिफ्ट दिया। लड़की के पिता मंडीदीप-भोपाल के बीच बस चलाते हैं।
फरिश्ता बन गया महबूब
36 साल का मोहम्मद महबूब पेशे से कारपेंटर है और अशोक बिहार बैंक कॉलोनी में रहता है। वह फर्नीचर बनाने का काम करता है। 5 फरवरी को रात करीब 8 बजे वह सोनिया कॉलोनी से नमाज पढ़कर बरखेड़ी रेलवे फाटक होते हुए अपने कारखाने की ओर जा रहा था। तभी बरखेड़ी रेलवे फाटक के एक मालगाड़ी आकर रुकी। लोग ट्रेन के नीचे से घुसकर ट्रैक पार करने लगे। इसी बीच ट्रेन चल दी। तभी ट्रेन के नीचे से ट्रैक पार कर रही 18-20 साल की एक लड़की फंस गई। वह चीख-पुकार करने लगी।
लड़की को फंसा देख वह तुरंत ही ट्रेन की तरफ आया। ट्रेन धीमे-धीमे चल रही थी। मैंने अपनी जान की परवाह किए बगैर ट्रैक के नीचे घुस गया। लड़की को लेकर पटरियों में लेट गया। महबूब कहता है, 'हम दोनों के ऊपर से ट्रेन के 26 डिब्बे गुजर गए। ईश्वर की दुआ से हम दोनों सलामत बच गए।'
वह रोते हुए चली गई शुक्रिया तक नहीं किया
ट्रेन के निकलने के बाद लड़की ट्रैक से उठकर अपने परिजन (पुरुष) के गले लगकर रोने लगी। वह रोते-रोते ही चली गई। उसने मुझे शुक्रिया तक नहीं कहा..। हालांकि मुझे उस लड़की को लेकर कोई नाराजगी नहीं है। मेरे अंदर उस वक्त यही था कि मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करना चाहिए। मैंने वहीं किया जो मेरा दिल कह रहा था।
30 सेकंड और देर होती तो
महबूब बताते हैं कि 30 सेकंड में यदि लड़की की मैं मदद नहीं करता तो उसकी जान जा सकती थी। हालांकि उसकी चीख सुनते ही लोग उसे बोल रहे थे कि ट्रैक में लेट जाओ। वह लेटती इससे पहले मैं ट्रैक पर पहुंच गया। इसके बाद ट्रेन की गति बढ़ गई। ट्रैक में पड़े रहने के दौरान हमें सिर्फ इतना ही डर लग रहा था कि कहीं डिब्बों के नट-बोल्ट शरीर में न लग जाएं।
पत्नी से मिली शाबाशी
महबूब कहते हैं, मैं रात में घर पहुंचा। मैंने पत्नी को वाक्या सुनाया। उसने कहा कि बहुत अच्छा काम किया। लोगों की मदद का परिणाम ईश्वर देगा। हम मीडिया के सामने नहीं आना चाहते थे। हमें यह भी नहीं पता कि वीडियो किसने बनाकर वायरल किया।
[10:22, 2/12/2022] Manish Dubey: लड़की को बचाने लगा दी जान की बाजी:भोपाल में ट्रेन के नीचे से जा रही थी लड़की, अचानक गाड़ी चली तो पटरी पर लेट गए