Pune News: 'आपको अगला गांधी बनाया जाएगा' नरेंद्र दाभोलकर को मिली थी धमकी, बेटे हामिद ने कोर्ट में दी गवाही

Pune News: महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर की हत्या 20 अगस्त 2013 को कर दी गई थी। इस मामले में बेटे हामिद ने कोर्ट में दावा किया उनके पिता को पहले से धमकियां मिल रही थी।

Update: 2021-12-19 14:39 GMT


डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या मामले में बेटे हामिद ने कोर्ट में दी गवाही

Pune News: महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक कार्याध्यक्ष और अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ नरेंद्र दाभोलकर (Dr Narendra Dabholker) की 2013 की हत्या में चल रहे मुकदमे में उनके बेटे डॉ हामिद दाभोलकर (46) (Hamid Dabholker) से शनिवार 18 दिसंबर को गवाह के रूप में पूछताछ की गई। हामिद ने पुणे (Pune) की एक अदालत को बताया कि उनके पिता ने सनातन संस्था, एक कट्टरपंथी संगठन, राज्य के आतंकवाद विरोधी दस्ते की गतिविधियाँ को लेकर एक फाइल जमा की थी। बेटे हामिद ने अदालत को यह भी बताया कि सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित दैनिक सनातन प्रभात के माध्यम से पिता डॉ दाभोलकर को धमकी मिली थी कि अगर उन्होंने अंधविश्वास उन्मूलन के क्षेत्र में अपना काम जारी रखा तो उन्हें अगला गांधी बनाया जाएगा।

बता दें कि डॉ नरेंद्र दाभोलकर (67 वर्ष) की 20 अगस्त, 2013 को पुणे शहर में ओंकारेश्वर मंदिर के पास दो व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसआर नवंदर की विशेष अदालत द्वारा की जा रही है। साल 2014 में जांच एजेंसी सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने पुणे सिटी पुलिस से इस हत्या की जांच अपने हाथ में लेकर पांच आरोपियों को चार्जशीट किया है, जो सभी कथित तौर पर सनातन संस्था से जुड़े हुए थे। इनमें ईएनटी सर्जन डॉ वीरेंद्रसिंह तावड़े, दो कथित हमलावर सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर, मुंबई के वकील संजीव पुनालेकर और उनके सहयोगी विक्रम भावे शामिल हैं। इनमें से तावड़े, अंदुरे और कालस्कर फिलहाल जेल में हैं जबकि पुनालेकर और भावे जमानत पर बाहर हैं।

इंडियन एक्प्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार 18 दिसंबर को डॉ नरेंद्र दाभोलकर (Dr Narendra Dabholker) का बेटा और पेशे से मनोचिकित्सक हामिद दाभोलकर एक गवाह के रूप में अदालत के सामने पेश हुआ और अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों ने उससे पूछताछ की। अभियोजन पक्ष के वकील प्रकाश सूर्यवंशी द्वारा पूछताछ के दौरान, डॉ हामिद ने कहा, "अंधविश्वास उन्मूलन के क्षेत्र में मेरे पिता के काम के कारण, कई बार उनके काम का विरोध होता था और सनातन संस्था जैसे संगठनों के पदाधिकारियों के बीच बहस हुई थी।

हामिद ने कोर्ट में बताया कि "सनातन संस्था ने सनातन प्रभात नाम का एक दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित किया, जिसने कई बार मेरे पिता और उनके काम के खिलाफ लेख प्रकाशित किए थे। उन लेखों में यह धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने अंधविश्वास उन्मूलन का काम जारी रखा तो उन्हें अगला गांधी बना दिया जाएगा।

फिर वकील सूर्यवंशी ने हामिद से सवाल किया नरेंद्र दाभोलकर ने इस तरह की धमकियों के प्राप्त होने के बाद क्या किया। इसका जवाब देते हुए हामिद ने कहा, "मेरे पिता ने महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के माध्यम से सनातन संस्था के खिलाफ मुंबई में आतंकवाद विरोधी दस्ते को एक फाइल सौंपी थी। मेरे पिता अंधविश्वास उन्मूलन में शामिल थे और सनातन संस्था जैसे संगठनों ने इसका विरोध किया था। कड़े विरोध के बावजूद पिता ने अपना काम जारी रखा और इसलिए सनातन संस्था जैसे संगठनों ने उनकी हत्या कर दी।"

हामिद से बचाव पक्ष के वकीलों की एक टीम ने सवाल किए जिसमें प्रकाश सालसिंगिकर, वीरेंद्र इचलकरंजीकर और सुवर्णा अवध वस्त शामिल थे। अभियोजन पक्ष द्वारा पूछताछ के दौरान उनके द्वारा दिए गए बयानों के साथ-साथ बचाव पक्ष के वकीलों द्वारा उठाए गए कई अन्य बिंदुओं पर भी उनसे पूछताछ की गई थी। सालसिंगिकर ने हामिद से एटीएस को सौंपी गई उस फाइल के बारे में पूछा और सवाल किया कि क्या पुणे पुलिस या सीबीआई ने उनसे इसकी प्रति मांगी थी, इसपर हामिद ने नकारात्मक जवाब दिया।

फिर बचाव पक्ष के वकीलों ने हामिद से उन कथित विवादों के बारे में भी पूछा, जो दाभोलकर का महाराष्ट्र में एक स्व-घोषित धर्मगुरु के साथ था और सतारा के एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ उनकी असहमति थी, जिसके साथ उन्होंने एक बार काम किया लेकिन बाद में अलग हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बचाव पक्ष के वकीलों ने हामिद से महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (MANS) के प्रकाशन में छपे लेखों के खिलाफ दायर विभिन्न मानहानि के मामलों के बारे में भी पूछा, खासकर MANS को प्राप्त धन के विभिन्न स्रोत, विशेष रूप से विदेशी फंडिंग एजेंसियों से उत्पन्न होने वाले, और संगठन के वित्तीय लेनदेन के बारे में। इंडियन एक्प्रेस के मुताबिक, जब हामिद को पूछताछ से पहले शपथ लेने के लिए कहा गया, तो उन्होंने मराठी में लिया।

15 सितंबर को, क साल पुराने हत्या के केस में विशेष यूएपीए अदालत ने चार आरोपियों- तावड़े, अंदुरे, कलास्कर और भावे के खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश के साथ-साथ आतंकवादी से संबंधित यूएपीए की धारा 16 के लिए, आग्नेयास्त्रों के उपयोग के लिए अधिनियम और शस्त्र अधिनियम (Arms Act) के विभिन्न प्रावधानोंके तहत आरोप तय किए थे। अदालत ने पुनालेकर पर इस मामले में सबूत नष्ट करने का भी आरोप लगाया। सीबीआई ने 14 अक्टूबर को अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान 32 गवाहों की सूची पेश की थी, जिनसे पूछताछ की जानी है। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक एडवोकेट प्रकाश सूर्यवंशी ने गवाहों की सूची सौंपते हुए कहा था कि जरूरत पड़ने पर और गवाह जोड़े जा सकते हैं।

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