Muzaffarpur Eye Operation: 'मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड' में बड़ा खुलासा, CS की नाक के नीचे बिना एग्रीमेंट के ही चल रहा था आई हॉस्पीटल

Muzaffarpur Eye Operation: डॉक्टरों की लापरवाही के कारण अब तक 16 लोगों की आंखें निकालने की पुष्टि की गई है। वहीं 4 लोगों की आंख का ऑपरेशन गुरुवार को भी किया गया...

Update: 2021-12-04 06:06 GMT

Muzaffarpur: डॉक्टरों की लापरवाही ने छीनी 25 लोगों के जीवन की रौशनी

Muzaffarpur Eye Operation: बिहार के मुजफ्फरपुर जिला (Muzaffarpur Eye Operation) में असफल आंख के ऑपरेशन के चलते अबतक 25 लोगों के आंखों की रौशनी जा चुकी है। सर्जरी के बाद आंखों में संक्रमण के कारण 16 मरीजों की आंखें निकालने की पुष्टी की गई है। जिला स्थित आई अस्पताल में डॉक्टरों की इतनी बड़ी लापरवाही के बाद पूरा स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है। मुजफ्फरपुर अंखफोड़वा कांड में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि जिस अस्पताल में डॉक्टर ने एक दिन में 65 मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया, वह बिना एग्रीमेंट के ही चल रहा था। इस बात की भनक सिविल सर्जन को भी नहीं लगी।

बता दें कि 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर के आई हॉस्पीटल (Muzaffarpur Eye Hospital) में 65 मरीजों के आंखों का ऑपरेशन हुआ है। सरकार के प्रोटोकॉल के तहत एक दिन एक डॉक्टर अधिकतम 12 सर्जरी ही कर सकता है। मगर, 22 नवंबर को यहां डॉक्टर ने मोतियाबिंद (Motiyabind Operation) के शिकार 65 मरीजों के आंख का ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद मरीजों के आंखों में दर्द और जलन की शिकायत हुई तो आनन फानन में संक्रमण के कारण मरीजों की आंखें निकाल ली गई। मगर, संक्रमण की शिकायत का सिलसिला लगातार जारी है। इस मामले में मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसी बीच हॉस्पिटल के बारे में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि जिला स्वास्थ्य समिति से इस अस्पताल का एग्रीमेंट इसी साल 31 मार्च को खत्म हो चुका था। बावजूद इसके यह अस्पताल चल रहा था।

सिविल सर्जन रहे बेखबर

हैरानी की बात ये है कि एग्रीमेंट समाप्त होने की जानकारी जिला के सिविल सर्जन (Muzaffarpur Civil Surgeon) को भी थी। एग्रीमेंट ख्तम होने के बाद दूबारा एग्रीमेंट किए बिना ही अस्पताल में मरीजों का ऑपेरशन किया जा रहा था। इस संबंध में मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा (CS Dr Vinay Sharma) ने बताया कि, "बिना एग्रीमेंट के कैंप लग सकता है। मगर इसकी जानकारी देना आवश्यक है।" सीएस  ने कहा कि जिला में जितनी भी आंख के आपरेशन करने वाली संस्था है, उनकी जांच की जाएगी।

मरीजों के आने का सिलसिला जारी

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर का आई हॉस्पिटल से जांच के हर पहलू पर लापरवाही सामने आ रही है। जांच के लिए जब राज्य स्तरीय टीम अस्पताल पहुंची तो वे यहां की हालात देखकर दंग रह गई। राज्यस्तरीय टीम ने कहा कि 'ऐसे तो जानवरों को भी नहीं रखा जाता। जैसे यहां पर मरीजों को रखा गया है।' इधर, ऑपरेशन हुए मरीजों का शिकायत लेकर आने का सिलसिला लगातार जारी है। जिला सीएस ने अब तक 16 लोगों की आंखें निकालने की पुष्टि की है। वहीं चार पीड़ितों की गंभीर स्थिति देखकर भर्ती किया गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि गुरुवार को 4 अन्य पीड़ितों का ऑपरेशन कर आंखे निकाली गई। आंख की रोशनी चले जाने की समस्या को लेकर 4 नए मरीज शुक्रवार 3 दिसंबर को सदर अस्पताल पहुंचे थे।

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