Muzaffarpur News : मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन बाद निकाली गई मरीजों की आंखें, अस्पताल के खिलाफ जांच के निर्देश
महिला के घर में घुसी भीड़, डायन-बिसाही बताकर कर दिया पथराव (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Muzaffarpur News : बिहार के मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद की सर्जरी विफल होने के बाद आंख गंवाने वाले मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बुधवार को हॉस्पिटल में 9 और मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी। आंंख गंवाने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर अब 15 हो गई है।
पहले छह मरीजों की आंखें निकाली गई थी।
दरअसल इस मामले में मुख्यालय ने सीएस से पूरी जानकारी तलब की है। घटना सामने आने के तीन दिन बाद बुधवार को सीएस द्वारा आई हॉस्पिटल को पत्र भेजकर पीड़ितों का ब्योरा व अस्पताल से जुड़े दस्तावेज मांगे गए। वहीं इस मामले को लेकर डीएम ने पीड़ितों को मुख्यमंत्री सहायत कोष से मुआवजा देने का एलान किया है।
मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद गई आंखों की रोशनी
दरअसल 22 नवंबर को आई हॉस्पिटल में मुजफ्फरपुर समेत आसपास के जिलों से आए मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। ऑप्रेशन के तीन दिन बाद ही मरीजों की आंखों में परेशानी की शिकायत आनी शुरू हो गई थी। मरीजों द्वारा अस्पताल प्रबंधन से जब इसकी शिकायत की गई तो अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में चार लोगों की आंखें निकाल दी। बतया गया कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने जब इस बारे में जानकारी मांगी तो प्रबंधन के पास कोई जवाब नहीं था। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह सहित कई अन्य आला अधिकारियों के फोन आने के बाद सीएस डॉ. विनय कुमार शर्मा टीम के साथ अस्पताल पहुंचे।
मामले की जांच जारी
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सीएस डॉ. विनय कुमार ने कहा है कि 'पूरे मामले की जांच की जा रही है। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी गई है। उस जांच के अलावा भी कई बिंदुओं पर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है। स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जिला प्रशासन और सिविल सर्जन को इस मामले में आई हॉस्पिटल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। विभाग के निर्देश पर आई अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया गया है और ऑपरेशन में प्रयोग किए जाने वाले सभी उपकरणों और ऑपरेशन थियेटर से सैंपल लेकर माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में भेजा गया है।'
आयोग ने मांगी रिपोर्ट
मिली जानकारी के अनुसार आयोग ने एक बयान में कहा है कि उसने उन मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है। जिनमें कहा गया है कि श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में छह मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं। इन सभी ने मुजफ्फरपुर आई अस्पताल में 22 नवंबर को सर्जरी कराई थी। आंखों में इन्फेक्शन के कारण डॉक्टरों को सर्जरी कराने वाले और मरीजों की भी आंखें निकालनी पड़ सकती हैं। आयोग ने कहा है कि यदि ये खबरें सच हैं तो मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ है। मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुसार एक डॉक्टर केवल 12 तक सर्जरी कर सकता है लेकिन इस मामले में डॉक्टर ने 65 मरीजों की सर्जरी की। आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को भेजे नोटिस में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
इस मामले में जिला सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने कहा है कि मुजफ्फरपुर के स्थानीय नेत्र अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। मिली जानकारी के अनुसार एसकेएमसीएच में मुजफ्फरपुर नेत्र चिकित्सालय में 4 और भर्ती 6 में से 3 रोगियों की आंखें निकलवाई गईं। उन्होंने कहा कि ओटी से आंखों की सफाई में इस्तेमाल होने वाले लिक्विड के कल्चर के लिए सैंपल भेजा गया है। हमने ऑपरेशन का बीएसटी, डॉक्टर पैनल की जानकारी और इस बीच इलाज कराने वाले मरीजों की जानकारी मांगी है। साथ ही उनका कहना है कि ओटी को सील कर दिया गया है। कहीं और ऐसी घटना की सूचना नहीं है।