Muzaffarpur News: डॉक्टरों की लापरवाही से 25 लोगों की जिंदगी में छाया अंधेरा, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद निकालनी पड़ रहीं आंखें

Muzaffarpur News: गाइडलाइन के अनुसार, एक दिन में एक डॉक्टर अधिकतम 12 ऑपरेशन ही कर सकता है। मगर 22 नवंबर को एक डॉक्टर द्वारा मोतियाबंद के 65 मरीजों का ऑपरेशन हुआ ...

Update: 2021-12-01 04:50 GMT

Muzaffarpur: डॉक्टरों की लापरवाही ने छीनी 25 लोगों के जीवन की रौशनी

Muzaffarpur News: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur Eye Operation) में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद 25 मरीजों की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई। अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों के गैर जिम्मेदाराना हरकत के कारण अबतक 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है। वहीं, इंफेक्शन फैलने की वजह से अन्य मरीजों की आंखें निकाली जाने की आशंका है। ऑपरेशन के बाद कई मरीजों के आखों में दर्द, सूजन, जलन और दिखाई न देने की शिकायत मिल रही है।

पूरा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले (Muzaffarpur News) के जुरण छपरा स्थित आई हॉस्पिटल का है। बीते 22 नवंबर को अस्पताल में विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था। इस दौरान दर्जनों महिला पुरुषों ने अपनी आखों का ऑपरेशन कराया। मगर डॉक्टरों की लापरवाही ने इन्हें हमेशा के लिए अंधा बना दिया। ऑपरेशन के बाद कई मरीजों के आंखों में जलन और दर्द की शिकायत हुई। जिले के असिस्टेंट चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ एसपी सिंह ने बताया कि अबतक 13 लोगों की आंखे खराब हुई हैं। इनमें से 7 की आंखें निकाली जा चुकी है, जबकि 6 मरीजों को हैवी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए भेजा गया है।

एक डॉक्टर ने किया 65 ऑपरेशन

बता दें कि 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर स्थित आई हॉस्पिटल (Muzaffarpur Eye Hospital) में करीब 25 लोगों की आंख का ऑपरेशन की बात चल रही थी। मगर, घटना के बाद मेडिकल ऑफिसर ने अपने बयान में बताया कि उस दिन करीब 65 लोगों का ऑपरेशन किया गया था। एमसीओ के बयान के बाद पूरा स्वास्थ्य महकमा सवालों के घेरे में आ गया है। मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर की मानें तो सरकार द्वारा ऑपरेशन करने को लेकर एक गाइडलाइल जारी है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट भी निर्देश दे चुका है। गाइडलाइन के अनुसार, एक दिन में एक डॉक्टर अधिकतम 12 ऑपरेशन ही कर सकता है। मगर, 22 नवंबर को एक डॉक्टर द्वारा मोतियाबंद के 65 मरीजों का ऑपरेशन किन परिस्थितियों में हुआ यहा जांच का विषय है।

जांच टीम ने किया ऑपरेशन थियेटर सील

इधर, पीड़ितों ने सिविल सर्जन और जिलाधिकारी से इस संबंध में शिकायत की जिसके बाद जांच टीम बनाकर अब पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है। पीड़ित मरीज के परिवारवालों द्वारा हंगामें और मीडिया तक बात पहुंचने के बाद आनन-फानन में जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसपी सिंह के नेतृत्व मे चिकित्सकों के दल ने मरीजों के साथ ही अस्पताल प्रबंधन और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों से बातचीत क। ऑपरेशन थिएटर से इन्फेक्शन फैलने की आशंका होने पर उसे सील करा दिया गया है। वहीं आई अस्पताल में भर्ती मरीजों को एसकेएमसीएच में भर्ती करवाया गया है।

तीन दिनों में मिलेगी जांच रिपोर्ट: मंगल पांडेय

मामले की गंभीरता को देखते हुए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने बताया कि जांच टीम ने अस्पताल के ओटी की मशीन का स्वाब लिया है। साथ ही रिएजेंट का सैंपल भी लिया गया है, जिससे ऑपरेशन के पूर्व आंख की सफाई की जाती है। जांच रिपोर्ट दो-तीन दिनों में प्राप्त हो जायेगी, जिससे पता चलेगा कि मरीजों की आंखों में संकमण फैलने की वजह क्या रही है।

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