What is National Herald Case : क्या है सोनिया-राहुल से जुड़ा नेशनल हेराल्ड केस? जिस कारण कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ईडी के सवालों के घेरे मे आ गए!

What is National Herald Case : साल 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी की शिकायत के बाद कोर्ट कोर्ट के निर्देश पर नेशनल हेराल्ड केस की जांच शुरू की गयी थी। स्वामी की ओर से कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गांधी परिवार पर वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया था...

Update: 2022-04-11 10:06 GMT

What is National Herald Case : क्या है सोनिया-राहुल से जुड़ा नेशनल हेराल्ड केस? जिस कारण वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से ईडी ने की पूछताछ

What is National Herald Case : नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रर्वतन निदेशालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ की हैं। बताया जा रहा है कि 79 वर्षीय विपक्ष के नेता और राज्यसभा के सांसद खड़गे को जांच के लिए पेश होने को कहा गया था। ईडी की ओर से कहा गया है कि उनके द्वारा दिए गये बयान को धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act ) के तहत दर्ज किया जाएगा।

क्या नेशनल हेराल्ड केस?

आपको बता दें कि साल 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी की शिकायत के बाद कोर्ट कोर्ट के निर्देश पर नेशनल हेराल्ड केस की जांच शुरू की गयी थी। स्वामी की ओर से कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गांधी परिवार पर वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया था। स्वामी ने कहा था कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम कंपनी की कंपनी के जरिए इस घोटाले को अंजाम दिया था।

बताया गया था कि 2008 में कांग्रेस के मुखपत्र का प्रकाशन वाली कंपनी एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ने अपने तीनों समाचारपत्रों का प्रकाशन बंद कर दिया था। इस दौरान एजेएल पर 90 करोड़ रुपए ऋण था, इसके बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक अव्यवसायिक कंपनी बनाई।

इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाए गए थे। इस नई कंपनी में 76 फीसदी शेयर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास थे जबकि 24 फीसदी शेयर अन्य लोगों के पास थे।

सीधे-सीधे गांधी परिवार को फायदा पहुंचाने का लगा था आरोप

इसी कंपनी ने आगे चलकर एजेएल का अधिग्रहण कर लिया, जिसके लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को 90 करोड़ रुपए का लोन दिया गया। इस पैसे से ही कंपनी ने एजेएल का अधिग्रहण किया। भाजपा नेता स्वामी ने यह आरोप लगाया था कि इस अधिग्रहण से एजेएल की करीब 5 हजार करोड़ की संपत्ति सीधे-सीधे गांधी परिवार के पास चली गयी थी।

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