पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलनरत NMOPS ने की सौ फीसदी मतदान की अपील, कहा OPS हो सकता है चुनाव का टर्निंग पॉइंट
OPS ही हमारी मुद्दा है, शिक्षक कर्मचारी अपनी मांग के पक्ष में खड़ा है जो हमारे मुद्दे के साथ है हम उनके साथ है। हमारा एक स्लोगन है, #voteforOPS, इसके अलावा विजय बन्धु ने देश के अर्द्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाल न किये जाने पर कहा कि देश के अर्द्धसैनिकों को पेंशन न देना कौन सा राष्ट्रवाद है...
जयपुर। NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने 8 नवंबर को पिंकसिटी जयपुर के प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि NMOPS के प्रभाव से अब तक भारत के 4 राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश पुनः पुरानी पेंशन (OPS) बहाल कर चुके हैं और कई राज्य सरकारें गंभीरता से इस दिशा में विचार कर रही है।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (National Movement For Old Pension Scheme (NMOPS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के नेतृत्व में देश के 85 लाख कर्मचारियों द्वारा देशभर में पुरानी पेंशन बहाली के लिए चलाया जाने वाला एक राष्ट्रीय आंदोलन है, जो अलग अलग राज्यों में राज्य इकाइयों द्वारा व राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय टीम द्वारा पूरे देश में एक साथ चलाया जा रहा है। देश के कर्मचारी इतिहास का ये सबसे बड़ा आंदोलन है जिससे लाखों करोड़ों लोग व उनके परिवार नाते रिश्तेदार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इस आन्दोलन से जुड़े हुए है।
पिछले माह 1 अक्टूबर 2023 को देश की राजधानी नई दिल्ली के रामलीला मैदान में विजय कुमार बन्धु के नेतृत्व में देशभर के लाखों लाख शिक्षकों-कर्मचारियों ने कर्मचारी जगत का आज तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाया है और देश की हुकूमत के सामने OPS बहाली की अपनी मांग को मुखरता से रखा है। दिल्ली के इस बड़े प्रदर्शन से देश के सत्ता केंद्र की भी आंख खुल रही है।
अब तक इस आंदोलन ने बड़ी सफलताएं अर्जित की है और धीरे धीरे राज्य दर राज्य NPS मुक्त भारत की दिशा में आगे बढ़ रहे है। न केवल संख्याबल के प्रदर्शन बल्कि ये आंदोलन अनेक युक्तियों का प्रयोग करते हुए अपने चरम लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन द्वारा राजस्थान राज्य में 2017 से ही आंदोलन शुरू कर दिया गया था। 2018 में राजस्थान की राजधानी जयपुर में NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के नेतृत्व में एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया था। उस रैली के साथ ही राजस्थान में पिछले 5 साल से लगातार OPS बहाली हेतु आंदोलन चल रहा था। कर्मचारियों की मांग की संवेदनशीलता को समझते हुए देश में सबसे पहले राजस्थान की सरकार ने मई 2022 को नोटिफिकेशन निकालकर राज्य में पुनः पुरानी पेंशन बहाल कर दी थी।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन ने राजस्थान सरकार के इस निर्णय का बार बार अभिनंदन किया है। आज की तारीख में राजस्थान के लगभग 2000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल चुका है। सभी कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट खुल चुके हैं, लेकिन राजस्थान के कर्मचारियों और राजस्थान सरकार के ₹41000 करोड़ रुपए आज भी केंद्र द्वारा गठित एजेंसी NSDL के पास फंसे हुए हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री भारत सरकार सदन में NPS फंड लौटाने से स्पष्ट मना कर चुकी है, इससे ये सिद्ध होता है कि आज भी केंद्र सरकार OPS बहाली के पक्ष में नहीं है और कर्मचारियों के वेतन से कटे हुए NPS फंड पर कुंडली मारकर बैठी है। उनकी नियत ठीक नहीं है। राजस्थान के कर्मचारियों के पेंशन फंड का पैसा राज्य की संचित निधि का पैसा है,जब राज्य सरकार ने NPS के प्रावधान को वापस ले लिया है तो NPS फंड के पैसे पर भी राज्य सरकार का हक है। कुछ OPS विरोधी ताकतें भ्रम फैलाकर इस बड़े निर्णय को कमतर आंकने की भूल कर रही है, लेकिन आज के दौर में कर्मचारी बहुत जागरूक हो गया है। वह अपने भले-बुरे को बखूबी समझता है। आज राजस्थान का कर्मचारी अपने भविष्य को सुरक्षित करने की लड़ाई लड़ रहा है। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन मजबूती से OPS बहाली के पक्ष में खड़ा है, इसलिये पूरे देश में वोट फॉर ओपीएसअभियान NMOPS द्वारा चलाया जा रहा है, जिसका परिणाम है कि कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है।
इस आंदोलन का चरम लक्ष्य पूरे भारत को NPS से मुक्ति दिलाना है और जहां OPS बहाल हुई है उसकी सुरक्षा करना है। NMOPS हरसंभव वे सभी प्रयास करेगा जिससे हमारी OPS सुरक्षित हो सके। हम ये बखूबी जानते हैं कि देश में कुछ ऐसी पूंजीवादी ताकतें है जो OPS का विरोध कर रही हैं। इस राष्ट्रीय आंदोलन ने इसी अनुरूप अपनी रणनीति बनाई है। हम लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव चुनाव में भी कर्मचारी मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं और उनसे अपने मुद्दे के लिए 100% मतदान की अपील कर रहे हैं। हमारा कोई पार्टी और पक्ष नहीं है, लेकिन पुरानी पेंशन (OPS) हमारा मुद्दा है और मुद्दे पर आधारित अपना मत प्रकट करने की अपील कर रहे है। हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली तभी मजबूत होगी जब मतदाता जाति, धर्म व संप्रदाय से ऊपर उठकर मुद्दों पर आधारित मत प्रकट करें।
प्रेस क्लब के दौरान विजय बंधु ने कहा कि इस देश में किसान, मजदूर, बेरोजगार तथा महिला पुरुष सबके अपने मुद्दे हैं तो कर्मचारी वर्ग का अपना मुद्दा क्यों न हो, अगर हम चुनाव में अपनी मांग नहीं दोहरा पाएं तो कब अपनी मांग को रख पाएंगे। कर्मचारी मजबूती से अपने मुद्दे के साथ खड़ा है। OPS ही हमारी मुद्दा है, शिक्षक कर्मचारी अपनी मांग के पक्ष में खड़ा है जो हमारे मुद्दे के साथ है हम उनके साथ है। हमारा एक स्लोगन है, #voteforOPS, इसके अलावा विजय बन्धु ने देश के अर्द्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाल न किये जाने पर कहा कि देश के अर्द्धसैनिकों को पेंशन न देना कौन सा राष्ट्रवाद है।
NMOPS के संरक्षक डीएन सिंह ने कहा कि राजस्थान में 10 लाख से अधिक कर्मचारी व शिक्षक हैं। अगर माना जाए तो 10 लाख कर्मचारी के ऊपर परिवार के 5 लोग आश्रित हैं तो इस प्रकार 50 लाख वोट को डलवाने की ताकत कर्मचारियों में है। पुरानी पेंशन का मुद्दा चुनाव का टर्निंग पॉइंट हो सकता है।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. कमल उसरी ने कहा कि निजीकरण इस देश के निम्न व मध्यम वर्ग के लिये अभिशाप है। निजीकरण से शोषण को बढ़ावा मिल रहा है। प्रेस वार्ता में डीएन सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. कमल उसरी, मनजीत राणा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।