सोनिया की ED के सामने पेशी पर विपक्षी दलों ने जारी की ज्वाइंट स्टेटमेंट, मोदी को बताया - जन, किसान और संविधान विरोधी

National Herald Case : यह विपक्षी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों के माध्यम से एक निरंतर प्रतिशोध की शुरुआत है। हम जनविरोधी मोदी सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई और तेज करेंगे।

Update: 2022-07-21 07:50 GMT

विपक्षी दलों ने सोनिया की ईडी के सामने पेशी पर जारी की ज्वाइंट स्टेटमेंट, मोदी सरकार को बताया - जन, किसान और संविधान विरोधी

National Herald Case : ईडी ( ED ) के सामने सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) की पेशी से पहले कांग्रेस ( Congress ) की अध्यक्षता में बारह विपक्षी दलों ( Opposition parties ) के नेताओं की बैठक हुई। बैठक के बाद विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर मोदी सरकार ( Modi government ) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्षी दलों ने ज्वाइंट स्टेटमेंट ( Opposition statement ) में कहा है कि सरकार विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं को निशाना बना रही है। यह जांच एजेंसियों का खुला दुरुपयोग है। यह जांच एजेंसियों के माध्यम से राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ एक निरंतर प्रतिशोध की शुरुआत है। हम जन विरोधी ( anti people ) मोदी सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करेंगे।

मोदी सरकार की नीति समाज को तोड़ने वाला

कांग्रेस की अध्यक्षता में 12 विपक्षी दलों की बैठक का मुद्दा केंद्र सरकार की 'प्रतिशोध की राजनीति' था। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष के नेता को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। विपक्षी दलों ने एक प्रस्ताव पारित कर मोदी सरकार को जन विरोधी, किसान विरोधी और संविधान विरोधी करार दिया है। साथ ही कहा है कि मोदी सरकार नीति सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने वाला है।

कांग्रेस के समर्थन में पहली बार सामने आई टीआरएस

खास बात यह थी कि अभी तक कांग्रेस से दूरी बनाकर चलने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस भी शामिल हुई। अब तक इस पार्टी ने उन बैठकों से दूर बना रखी थी जिसमें कांग्रेस शामिल होती थी।

विपक्षी दलों की ओर से ज्वाइंट स्टेटमेंट, टीएमसी ने बनाई दूरी

कांग्रेस के समर्थन में 12 विपक्षी दलों के नेता बैठक में शामिल हुए। विपक्षी दलों ने नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित किया। बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी दलों में एमडीएमके, सीपीआईएम, सीपीआई, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना, वीसीके, टीआरएस, आरजेडी, आईयूएमएल, आरएसपी, डीएमके व एक अन्य नाम हैं। खास बात यह है कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता की पुरजोर वकालत करने वाली ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी शामिल नहीं है। 

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