Power Shortage News : गर्मी शुरू होते ही देश में फिर बिजली संकट, जानिए किन राज्यों में कोयले की कमी से बढ़ा पावर कट का खतरा
Power Shortage News : देश के तकरीबन दस राज्यों कोयले की कमी के करण बिजली उत्पादन प्रभावित हो रही है। कम बिजली उत्पादन होने से कई राज्यों में पावर कट भी बढ़ गया है...
Power Shortage News : केन्द्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह (RK Singh) ने मंगलवार को देश की बिजली कंपनियों को कहा है कि वे अपने कोयला आयात (Coal Import) को 10 फीसदी तक बढ़ा लें ताकि उनकी बिजली उत्पादन क्षमता (Electricity Production Capicity) में वृद्धि हो देश में बिजली की खपत की जरूरतों को पूरा किया जा सके। आपको बता दें कि बीते मंगलवार को देश में बिजली की कमी 112 मिलियत यूनिट तक पहुंच गयी है, जो हाल फिलहाल के दिनों में अधिकतम है। इससे पहले बीते साल अक्टूबर 12 को यह उच्चतम स्तर 80 मिलियन यूनिट तक पहुंचा था।
केन्द्रीय उर्जा मंत्री की ओर से यह निर्देश तब आया है कि जब खबरें आ रही है देश के तकरीबन दस राज्यों कोयले की कमी के करण बिजली उत्पादन प्रभावित हो रही है। कम बिजली उत्पादन होने से कई राज्यों में पावर कट भी बढ़ गया है। इस स्थिति से निपटने के लिए केन्द्रीय उर्जा मंत्री ने बीते सोमवार को एक समीक्षा बैठक भी की थी।
10 राज्यों में जरूरत से कम कोयला उपलब्ध
आपको बता दें कि तपती गर्मी और देश के अलग-अलग हिस्से में चढ़ते पारे के बीच एक बार फिर बिजली संकट गहराने की कगार पर है। यूपी (Uttar Pradesh), महाराष्ट्र (Maharashtra), बिहार (Bihar), पंजाब (Punjab) , राजस्थान (Rajasthan), मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh), झारखंड (Jharkhand), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), तेलंगाना (Telangana), कर्नाटक (Karnataka) और हरियाणा (Haryana) जैसे राज्यों में कोयले की कमी खबरें आ रही है। कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है जिससे बिजली कटौती के फेरे भी बढ़ गए हैं।
बीते नौ सालों के निम्नतम स्तर पर पहुंचा कोयला भंडार
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी शुरू होने के पहले ही देश के बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार इस साल पिछले नौ सालों के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है। कोरोना लॉकडाउन के बाद औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होने से बिजली की खपत पहले ही बढ़ी हुई है, अब गर्मी बढ़ने के साथ-साथ घरेलु और संस्थागत बिजली उपभोग में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है, ऐसे में बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस बार उत्तर और माध्य भारत में अप्रैल माह का तापमान बीते सालों में दर्ज किए गए अधिकतम तापमान से अधिक है। ऐसे में बिजली की खपत बढ़ना तय है। देश के कई हिस्सों में तो पावर कट का दौर अभी से ही शुरू हो चुका है, जबकि मई और जून की गर्मी अभी आनी बाकी है।
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही बिजली की खपत भी बढ़ रही
आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में ही बिजली की मांग 1.4 प्रतिशत तक बढ़ गयी है इससे बिजली संकट गहरा गया है। यह बढ़ोतरी पिछले साल अक्टूबर में हुए बिजली संकट के समय की मांग से भी अधिक है। पिछले साल अक्टूबर में गंभीर कोयला संकट के दौरान बिजली की मांग में एक फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी थी। हालांकि मार्च में बिजली की मांग में .5 प्रतिशत की कमी भी दर्ज की गयी थी।
यूपी के ललितपुर पावर प्लांट में 5 दिन का ही कोयला बचा
बात अगर उत्तर प्रदेश की करें तो यहां प्रतिदिन 21 से 22 हजार मेगावाट बिजली की जरूरत है इसके मुकाबले महज 19 से 20 हजार मेगावाट बिजली ही फिलहाल उपलब्ध हो पा रही है। यूपी में जहां स्थानीय इकाइयां 4587 मेगवाट बिजली का उत्पादन कर रही है वहीं 7703 मेगावाट की आपूर्ति केन्द्र सरकार की ओर से की जा रही है। खबरों के मुताबिक झांसी के पारीछा प्लांट में सिर्फ एक दिन का ही कोयला शेष है। वहीं, ललितपुर के बजाज पावर प्लांट में पांच दिनों के लिए ही कोयला बचा है।
खबरें आ रही हैं कि उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम की सबसे बड़ी 2630 मेगावाट क्षमता की अनपरा परियोजना को बुधवार को भी रेल रैक से कोयले की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है जिससे बिजली उत्पादन बाधित हो रहा है। यहां बिजली उत्पादन के रोजाना 40 हजार मिट्रिक टन कोयले की जरूरत होती है। निगम के सीजीएम इंजीनियर आरसी श्रीवास्तव का कहना है कि अभी हर दिन 30 हजार मिट्रिक टन कोयला ही मिल पा रहा है।
ओबरा परियाजना को भी 4 की जगह सिर्फ 1 रैक कोयला मिल रहा
वहीं ओबरा परियोजना में भी सिर्फ 4 से 5 दिन का ही कोयला बचा है। यहां 200-200 मेगावाट की पांच इकाइयों में से चार को फुल लोड पर चलाया जा रहा है। सीजीएम दीपक कुमार के अनुसार रोजाना कोयले के चार रैक की जरूरत होती है, लेकिन वर्तमान में केवल एक रैक कोयला ही मिल पा रहा है इससे आगे दिक्कत होने की आशंका है।
यूपी के साथ-साथ महाराष्ट्र का भी हाल बुरा है। देश के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र महाराष्ट्र में कई वर्षों के बाद बिजली संकट पैदा हुआ है। महाराष्ट्र को मांग के मुकाबले 2500 मेगावाट कम बिजली मिल पा रहा है। महराष्ट्र में रिकॉर्ड प्रतिदिन 28000 मेगवाट बिजली की मांग है, जो पिछले साल के मुकाबले 4000 मेगावाट अधिक है।
बिहार और झारखंड में भी जरूरत से 3 फीसदी कम बिजली उपलब्ध
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक झारखंड, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी जितनी जरूरत है उससे 3-3 फीसदी कम बिजली उपलब्ध है। ऐसे में समय रहते सरकार को कोयला संकट दूर करने की दिशा में जरूरी कदम उठाने होंगे नहीं तो आने वाले दिनों में बिजली की कमी की परेशानी बढ़ सकती है।
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