राष्ट्रपति ने सीएम योगी को भेंट की 'लोकतंत्र के स्वर' पुस्तक, अब लोग कर रहे तरह-तरह की बातें

राष्ट्रपति ने योगी को दी पुस्तक, सोशल मीडिया पर फोटो आने के बाद शीषर्क 'लोकतंत्र के स्वर' को लेकर लोग निकाल रहे अलग-अलग मतलब

Update: 2021-06-30 02:34 GMT

पुस्तक भेंट करते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और सीएम योगी (सोर्स- ट्विटर)

जनज्वार ब्यूरो। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पांच दिवसीय यूपी दौरे पर थे। अपने दौरे के आखिरी दिन मंगलवार 29 जून को उन्होंने लखनऊ में बाबा साहब भीम राव अंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया। अपने दौरे के दौरान राष्ट्रपति ने मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ को एक पुस्तक भेंट की। पुस्तक का शीर्षक 'लोकतंत्र के स्वर' था। यह पुस्तक राष्ट्रपति कोविंद ने खुद लिखी है। इसमें राष्ट्रपति के भाषणों का संकलन है। हालांकि सीएम योगी को पुस्तक भेंट करते हुए तस्वीर जब सोशल मीडिया पर पहुंची तो लोग इसके कई मायने निकालने लगे।

सोशल मीडिया पर बातें कर रहे लोग

उल्लेखनीय है कि यूपी में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में जहां राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारी में जुटी है, वहीं हर घटनाक्रम को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। राष्ट्रपति द्वारा सीएम योगी को दी गयी पुस्तक पर भी चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर फोटो आने के बाद, उसके कई मतलब निकाले जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि राष्ट्रपति ने चुनाव को देखते हुए लोकतंत्र की रक्षा का संदेश देते हुए यह पुस्तक दी है। वहीं उत्तर प्रदेश में इन दिनों जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव हो रहा है। इस चुनाव में भ्रष्टाचार और बाहुबल भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में दीपक शर्मा नाम के यूजर ने लिखा, राष्ट्रपति का यह संदेश सब पर भारी पड़ गया। समझदार को इशारा काफी है। जबकि यूपी आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने लिखा कि 'योगी जी, इस किताब का नाम कर दीजिए, 'लोकतंत्र के स्वर पर FIR/ मुकदमा'।।' साथ ही फोटो को री-ट्वीट किया है।


मफलरमैन नाम के एक यूजर ने री-ट्वीट करते हुए लिखा, आजकल के बच्चों की हिंदी काफी कमजोर है। कुछ बच्चे "स्वर" को "सुवर" पढ़ लेते।

बता दें कि इससे पहले जब सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली के दौरै पर थे तो उन्होंने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भेंट के दौरान पुस्तक भेंट की थी। योगी आदित्यनाथ ने गृह मंत्री को जो पुस्तक भेंट की थी उसका शीर्षक 'कोविड-19 एवं प्रवासी संकट का समाधान' था। इस बुक पर बड़ा-बड़ा समाधान ही लिखा हुआ नजर आ रहा था। पहले कहा गया कि यह पुस्तक हार्वर्ड की रिसर्च पर आधारित है। लेकिन बाद खुलासा हुआ कि इसका न तो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कोई लेना-देना है और न ही इसमें योगी सरकार की कोई तारीफ ही की गई है।

पांच दिनों के दौरे पर थे राष्ट्रपति

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रेसिडेंशियल ट्रेन से 25 जून को दिल्ली से अपने पैतृक गांव कानपुर देहात पहुंचे थे। 26-27 जून को राष्ट्रपति ने कानपुर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रम में भाग लिया था। इस बीच दो कार्यक्रमों में उन्होंने अपना संबोधन दिया था। वो अपने मित्र केके अग्रवाल से भी मिलने गए थे। 28 जून को राष्ट्रपति प्रेसिडेंशियल ट्रेन से कानपुर से लखनऊ पहुंचे थे। दौरे के आखिरी दिन 29 जून को उन्होंने लखनऊ में बाबा साहब भीम राव अंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने 20 मिनट तक भाषण दिया। इसमें वो बाबा साहब भीम राव अंबेडकर, भगवान गौतम बुद्ध से लेकर मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी तक के बारे में खुलकर बोले। अपने 20 मिनट के भाषण में राष्ट्रपति ने तीन बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया। केंद्र और यूपी सरकार की तारीफ भी की।

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