Rajasthan News : आत्मा को मानाने के लिए ग्रामीण ढोल-बाजे के साथ करते है पूजा, अस्पताल के बाहर चलता है अंधविश्वास का खेल

Rajasthan News : बूंदी जिले के ग्रामीण ढोल बाजे के साथ आत्माओं को मनाने अस्पताल पहुंचते हैं और घंटो पूजा पाठ करते हैं, आत्मा को मनाने का यह कार्यक्रम दिन भर चलता रहता है, भाव आने की घटना, झाड़-फूंक देखकर लोग आश्चर्यचकित होकर घटनाक्रम देखते रहते हैं...

Update: 2022-01-29 15:44 GMT

आत्मा को मानाने के लिए ग्रामीण ढोल-बाजे के साथ करते है पूजा

Rajasthan News : राजस्थान के बूंदी में अंधविश्वास का अनोखा मामला सामने आया है। 21वीं सदी के आधुनिक दौर में भी अंधविश्वास का खेल कायम है। बता दें कि अभी राजस्थान के कुछ ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास जैसे का तैसा बना हुआ है। चाहे विज्ञान में कितनी भी तरक्की कर ली हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास आज भी अपना गढ़ बनाए हुए हैं। इस पर लोग आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। अंधविश्वास के नजारे बूंदी जिला मुख्यालय के अस्पताल पर देखने को मिल जाते हैं। यहां जिले के ग्रामीण इलाकों से हर महीने ढोल बाजे के साथ महिलाएं पुरुष अस्पताल में आत्मा को मनाने के लिए पहुंचते हैं।

अस्पताल प्रशासन भी नहीं करता हस्तक्षेप

बता दें कि बूंदी जिले के ग्रामीण ढोल बाजे के साथ आत्माओं को मनाने अस्पताल पहुंचते हैं और घंटो पूजा पाठ करते हैं। आत्मा को मनाने का यह कार्यक्रम दिन भर चलता रहता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाव आने की घटना, झाड़-फूंक देखकर लोग आश्चर्यचकित होकर घटनाक्रम देखते रहते हैं। ऐसे ही सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। अस्पताल प्रशासन की ओर से भी इस अंधविश्वास के खेल को रोका नहीं जा रहा है।

5 साल से चल रहा है अंधविश्वास का खेल

बता दें कि आज भी बूंदी ट्रामा सेंटर के बाहर अंधविश्वास का खेल चला है। यहां जिले के गुर्जरों का खेड़ा गांव निवासी लोदा लाल की 5 साल पहले जहरीले कीड़े से मौत हो गई थी। लोदा लाल की उम्र 50 साल बताई गई है। उस समय परिजन लोदा लाल को बूंदी अस्पताल लेकर पहुंचे तो अस्पताल के मुख्य द्वार के यहां उसने दम तोड़ दिया। जहां उस व्यक्ति की मौत हुई थी, वहां परिजन तांत्रिक के चक्कर में आकर अंधविश्वास का खेल करने के लिए पहुचें।

आत्मा की शांति के लिए करते हैं कार्यक्रम

अस्पताल के द्वार पर ढोल नगाड़ों के साथ पूजा पाठ की गई और मौत हो चुकी लोदा लाल की आत्मा को शांति देने का काम किया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार परिवार के एक सदस्य का कहना है कि मौत होने के बाद लोदा लाल की आत्मा को शांति नहीं मिली है, इसलिए जहां उनकी मौत हुई थी वहां शांति पाठ करने के लिए आए हैं। इस मामले में जब अस्पताल अधीक्षक से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने इस तरह का मामला होने से मना कर दिया।

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