Alwar Minor Girl Case: मूक बधिर पीड़िता ने बताया खौफनाक रात का सच, इशारे से बयान किया कैसे हुई हैवानियत
Alwar Minor Girl Case: राजस्थान (Rajasthan) के अलवर जिले (Alwar) में तिजारा फाटक फ्लाई ओवर पर लहूलुहान मिली मूकबधिर नाबालिग मामले (alwar minor girl case) में 14 दिन बीत जाने के बाद भी अभी पुलिस रेप और दुर्घटनाओं की गुत्थी में उलझी हुई है.
Alwar Minor Girl Case: राजस्थान (Rajasthan) के अलवर जिले (Alwar) में तिजारा फाटक फ्लाई ओवर पर लहूलुहान मिली मूकबधिर नाबालिग मामले (alwar minor girl case) में 14 दिन बीत जाने के बाद भी अभी पुलिस रेप और दुर्घटनाओं की गुत्थी में उलझी हुई है. वहीं इस मामले में अभी तक पुलिस किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है. इसके साथ ही पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग प्रदेश भर में लगातार उठ रही है. जहां सोमवार को पीड़ित नाबालिग के पिता (Alwar minor girl father) ने चुप्पी तोड़ते हुए पुलिस (Alwar police) और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे वहीं अब अलवर में कलेक्टर निवास की दीवारों पर न्याय की मांग के साथ प्रशासन के विरोध में स्लोगन दिखाई दे रहे हैं.
bhaskar.com के अनुसार मूकबधिर नाबालिग के चाचा ने पीड़ित से बात की। नाबालिग ने इशारों में बताया कि 11 जनवरी की रात आखिर हुआ क्या था? पढ़िए बच्ची का दर्द, उसी के लड़खड़ाती जुबान और हाथों के इशारे में…
चाचा : तुझे पुलिया पर कितने जनों ने फेंका?
बच्ची : दो अंगुलियां खड़ी की और आधी अधूरी आवाज में कहा…दो भाई (परिजन ने बताया कि वह सभी को भाई कहती है)
चाचा : उन्होंने तुझे कहां मारा?
बच्ची : अपने प्राइवेट पार्ट की तरफ इशारा किया। रुआंसी होकर परिजन को इशारे से बताया…बहुत दर्द हो रहा है।
(इसके आगे बच्ची न लड़खड़ाती जुबान में कुछ बोल पाई और न ही इशारे से किसी सवाल का जवाब दिया…सिर्फ दर्द से कराह रही थी)
मजिस्ट्रेट के सामने नहीं हुआ बयान दर्ज
पीड़ित पिता का तर्क है कि पुलिस को अगर अपनी जांच की पोल खुलने का डर नहीं होता तो अब तक पीड़िता के बयान मजिस्ट्रेट के सामने करवा दिया गया होता. पिता का आरोप है कि पुलिस ने खाली कागजों पर पीड़िता के हस्ताक्षर करवा कर बयान अपनी मर्जी से लिखे हैं. पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि अपने बयान में पीड़िता ने बलात्कार की बात नहीं की है.
पिता ने दोहराया हुआ है रेप
पिता का कहना है कि उनकी मूक बधिर बेटी के साथ रेप हुआ है. 11 जनवरी को मूक बधिर बालिका जब लहूलुहान स्थिति में अलवर में मिली थी, तब पुलिस ने इलाज के लिए उसे जयपुर के सरकार जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाया था. चूंकि बालिका के प्राइवेट पार्ट में जख्म थे, इसलिए प्राइवेट पार्ट की प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery Of Alwar Atrocity Victim) की गई. अब पिता को संदेह है कि असल वजह का खुलासा संभव नहीं हो पाएगा.बालिका के पिता का कहना है कि पुलिस उनके घर से बालिका के पुराने कपड़े भी ले गई. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जांच के लिए पुराने कपड़ों को रखा गया हो। यानी घटना के समय जो कपड़े बालिका ने पहन रखे थे, उन्हें जांच में शामिल नहीं किया.