राजस्थान प्रकरण पर अशोक गहलौत ने मीडिया मालिकों के लिए किया ट्वीट, लिखा - 'देश को बचाने की हम सबकी जिम्मेवारी'
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत राज्य के राजनीतिक संकट के दौरान लगातार मीडिया के कवरेज व पत्रकारों की भूमिका को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। अब उन्होंने मीडिया व अखबार मालिकों को संबोधित ट्वीट किया है...
जनज्वार। मीडिया की रिपोर्टिंग और खबरों व घटनाओं को कवर करने के तरीके पर अक्सर कई लोगों द्वारा सवाल उठाए जाते हैं। हाल में राजस्थान के राजनीतिक संकट व मुख्यमंत्री अशोक गहलौत व उनके डिप्टी रहे सचिन पायलट के बीच मतभेदों को कवर करने के तरीके को लेकर सवाल उठाए गए। सवाल उठाने वाले मीडिया के एकपक्षीय हो जाने का आरोप लगाते हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने राजनीतिक संकट पर फिलहाल तो नियंत्रण पा लिया है, लेकिन खतरा टला नहीं है। इस बीच अशोक गहलौत ने शुक्रवार (17 july 2020) की रात मीडिया व अखबार मालिकों को संबोधित एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा: मीडिया से, अखबारों के मालिकों से कहना चाहूंगा कि आपकी, हम सबकी जिम्मेदारी है देश को बचाने की। आज जिस प्रकार से देश में मोदीजी, अमित शाहजी के नेतृत्व में सरकार चल रही है, डेमोक्रेसी है, चुनाव जीत कर आए हैं, हमने ससम्मान विनम्रता से उनको प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार किया है।
मीडिया से, अखबारों के मालिकों से मैं कहना चाहूंगा कि आपकी हम सबकी जिम्मेदारी है देश को बचाने की।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 17, 2020
आज जिस प्रकार से देश में मोदीजी, अमित शाहजी के नेतृत्व में सरकार चल रही है,डेमोक्रेसी है, चुनाव जीतकर आए हैं, हमने ससम्मान with humility उनको प्रधानमंत्रीजी के रूप में स्वीकार किया है pic.twitter.com/auzQhgqxlb
राजस्थान के राजनीतिक संकट के दौरान अशोक गहलौत ने मीडिया की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने 15 जुलाई को कहा था: आज मीडिया उल्टा काम कर रहा है, उन तत्वों को सपोर्ट कर रहा है, जो बीजेपी के बंधक हैं, जिन्होंने वहां पर किश्तें लें रखी हैं, हॉर्स ट्रेडिंग की गयी है, हमारे पास प्रूफ है।
उन्होंने यह सवाल पूछा था कि देश का मीडिया क्या सुनना चाहता है। उनकेा कांग्रेस और गांधी परिवार से व्यक्तिगत नाराजगी है, वो अपने दिल में रखिए। गहलौत ने मीडिया से अपील की कि वे ईमानदारी से सच्चाई का साथ दे, दिल्ली में डेमोक्रेसी खत्म करने वाले लोग बैठे हुए हैं, हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे हैं, सरकारों को गिरा रहे हैं। मीडिया अगर चौथा स्तंभ कहलाता है तो उसकी ड्यूटी बनती है कि यदि डेमोक्रेसी खत्म हो रही है तो उसके खिलाफ आवाज़ उठाए। लेकिन ये खुद ही अगर हॉर्स ट्रेडिंग को पसंद करेंगे, प्रमोट करेंगे, हिस्सा बनेंगे तो नई पीढी के लोग देश को बर्बाद नहीं करेंगे। क्या मीडिया को यह दिखता नहीं है।
दरअसल, राजस्थान के राजनीतिक संकट पर पत्रकारों के एक तबके की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार अरफा खानम शेरवानी ने भी सवाल उठाया था। उन्होंने ट्वीट किया था कि: वो पत्रकार जो भाजपा की चमचागीरी को ही पत्रकारिता समझने लगे हैं, आज कांग्रेस पार्टी को ज्ञान दे रहे हैं कि आजादी के आंदोलन से उपजी देश की सबसे पुरानी पार्टी को राजनीति करनी नहीं आती।
वो 'पत्रकार' जो भाजपा की चमचागीरी को ही पत्रकारिता समझने लगे हैं, आज कॉंग्रेस पार्टी को ज्ञान दे रहे हैं कि आज़ादी के आंदोलन से उपजी देश की सबसे पुरानी पार्टी को राजनीति करनी नहीं आती।
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) July 13, 2020
कुछ तो लाज रखिये, प्रभु !
वरिष्ठ पत्रकार आलोक पुतुल ने भी राजस्थान संकट के दौरान पत्रकारों व मीडिया की भूमिका को लेकर ट्वीट किया था।
सत्ता और इसकी दलाली करते बड़े बन चुके पत्रकारों की भरमार है. दिल्ली से जयपुर और रायपुर से बस्तर तक.
— Alok Putul (@thealokputul) July 17, 2020
नैरेटिव सेट करने में माहिर ये ताक़तवर दलाल केवल पत्रकारिता का नुक़सान नहीं कर रहे हैं, बल्कि लोकतंत्र को भी खोखला कर रहे हैं.
इस दलाल माफ़िया से पत्रकारिता और लोकतंत्र को बचाइये. pic.twitter.com/E5olwFqf2J