चीनी सैनिकों ने योजना बनाकर धोखे से घेरकर की भारतीय जवानों की बर्बर हत्या
गलवान घाटी स्थित नदी में 5 फुट गहरे पानी में 5 घंटे तक भीषण संघर्ष हुआ, चीनी सैनिकों ने मोटे डंडे में लोहे के कंटीले तार लगे हथियार से हमला किया, चीनी सैनिकों की संख्या भारत से चौगुनी थी...
जनज्वार। चीन सीमा पर गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुए संघर्ष की आंखों-देखी हाल सुनकर किसी का भी कलेजा कांप जाये। चीनी सेना ने कपटपूर्ण तरीके से योजना बनाकर हमला किया और इस दौरान बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं।
संघर्ष के दौरान राजस्थान के एक घायल जवान ने अपने घरवालों को फोन पर जो जानकारी दी है, वह चीनी सैनिकों की बर्बर मानसिकता को दिखा रहा है। यह रिपोर्ट राजस्थान पत्रिका ने प्रकाशित की है। रक्षा संबंधी मामलों के विशेषज्ञ पत्रकार अजय शुक्ला भी ने एक नुकेली हथियार की तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है, जिससे चीनी सैनिकों ने हमारे सैनिकों की जाल ली।
चीन की सीमा पर 15-16 जून की मध्य रात्रि चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे और कई अन्य जख्मी हो गए थे। चीन के भी कई सैनिकों के मारे जाने की खबर भारतीय मीडिया ने चलाई थी।
राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के अलवर जिले के नौगांवा के सुरेंद्र सिंह सेना के जवान हैं और चीन सीमा पर तैनात हैं। गलवान घाटी में हुए उस संघर्ष में वे भी शामिल थे और इस दौरान बुरी तरह से घायल हो गए थे।
उन्होंने अपने परिजनों को फोन पर उस रात की घटना के बारे में बताया है। उन्होंने बताया है कि गलवान घाटी से निकल रही नदी के किनारे चीनी सैनिकों ने अचानक धोखे से हमला किया। इस दौरान भारत के लगभग 250 और चीन के 1000 सभी ज्यादा सैनिक थे। यह संघर्ष करीब 5 घंटे तक चला।
सुरेंद्र ने बताया, गलवान घाटी की नदी में करीब 5 फुट गहरे और बेहद ठंडे पानी में यह संघर्ष हुआ। नदी से एक वक्त में केवल एक आदमी के निकलने भर की जगह थी। इन सब कारणों से भारतीय सैनिकों को संभलने में काफी समय लग गया। चीनी सैनिकों ने कांटे लगे डंडों से हमला किया। उन्होंने बताया कि इस संघर्ष में सिर पर चोट लगने से वे 5 फुट गहरे पानी में घायल हो गए थे। साथी जवानों ने उन्हें बाहर निकाला। उन्हें लद्दाख के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
उनके हाथ में फ्रैक्चर है और सिर में करीब 12 टांके लगे हैं। उन्होंने बताया है कि भारतीय जीवन संख्या में बहुत कम होने के बावजूद पूरे जज्बे से लड़े। अगर आमने-सामने होते तो बड़ी संख्या रहने के बावजूद चीनी सैनिकों को धूल चटा देते।
The nail-studded rods — captured by Indian soldiers from the Galwan Valley encounter site — with which Chinese soldiers attacked an Indian Army patrol and killed 20 Indian soldiers.
— Ajai Shukla (@ajaishukla) June 18, 2020
Such barbarism must be condemned. This is thuggery, not soldiering pic.twitter.com/nFcNpyPHCQ
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ कहे जाने वाले पत्रकार अजय शुक्ला ने चीनी सेना द्वारा हमारे सैनिकों की हत्या के लिए प्रयोग में लाए गए उस हथियार की तस्वीर शेयर की है। इस ट्वीट को शेयर करते हुए पत्रकार हृदयेश जोशी लिखते हैं, 'गलवान घाटी के संघर्ष स्थल से कांटे लगे लोहे की छड़ों को भारतीय सैनिकों ने जब्त किया है। इसी हथियार से चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के पेट्रोलिंग दस्ते पर हमला किया है। यह बर्बरता सैन्य कृत्य नहीं, बल्कि क्रूर हत्या है।'
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ वरिष्ठ पत्रकार अजय शुक्ला ने एनडीटीवी इंग्लिश को दिए गए साक्षात्कार में पहले भी कहा था 'इस बार असाधारण स्थिति है। चार ऐसे कारण हैं, जो इस बार स्थिति को असाधारण बना रहे हैं, पहला-चीनी सैनिक गलवान घाटी जैसे उन क्षेत्रों में लगातार आ रहे हैं,जो अपेक्षाकृत शांत माने जाते हैं। दूसरी-वे सामान्य पेट्रोलिंग के तहत 10 की संख्या में नहीं आ रहे, बल्कि हजार की संख्या में आ रहे हैं। तीसरी-हिंसा का स्तर और बर्बरता तथा चौथी- इस बार वे सिर्फ पेट्रोलिंग नहीं कर रहे, बल्कि सैन्य साजो-सामान के साथ स्थायी हो रहे हैं।'
मगर हमारी सरकार ने इन स्थितियों और चेतावनियों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। अगर समय रहते ध्यान दे दिया होता तो हमारे 20 सैनिकों को चीनी आर्मी इतनी बर्बरता से नहीं मारती।