राज्यपाल से मिले गहलोत, समर्थक विधायकों ने राजभवन में की नारेबाजी
राजस्थान में आज राजनैतिक घटनाक्रम काफी तेज हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्यपाल को अंतरात्मा की आवाज सुनने की 'सलाह' देते हुए तल्ख टिप्पणी की है। 23 जुलाई को उन्होंने विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा था।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुटों के बीच चल रहे सियासी घमासान के बीच गहलोत अब राज्यपाल के विरुद्ध भी खुलकर बोलने लगे हैं। राजस्थान विधानसभा सत्र बुलाने की मांग पर निर्देेेश मिलने में देरी होने पर गहलोत ने राज्यपाल को अंतरात्मा की आवाज सुनने की 'सलाह' दे दी है।
राजस्थान में 24 जुलाई को राजनैतिक घटनाक्रम काफी तेजी से चल रहे हैं। एक तरफ हाईकोर्ट से पायलट गुट के विधायकों को राहत मिल गई है, तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोतअपने गुट के विधायकों को लेकर राजभवन पहुंच गए हैं। राजभवन में उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की है।
23 जुलाई को गहलोत ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा का सत्र बुलाने का अनुरोध किया था। गहलोत ने आज मीडिया से कहा 'हम कोरोना और राजनैतिक परिस्थितियों को लेकर विधानसभा का सत्र आहूत करना चाहते हैं। हमारा मानना है कि कुछ विशेष दबाव के चलते राज्यपाल विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं।'
गहलोत यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने राज्यपाल को एक 'सलाह' भी दे डाली। गहलोत ने कहा 'हम राज्यपाल के पास जा रहे हैं। हम कहेंगे कि वे किसी दबाव में नहीं आएं। वर्ना फिर हो सकता है कि पूरे प्रदेश की जनता अगर राजभवन को घेरने के लिए आ गई, तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।'
इसके बाद वे अपने समर्थक विधायकों के साथ बसों से राजभवन रवाना हो गए। राजभवन में गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात की। अंदर क्या बातें हुईं, इसका अभी खुलासा नहीं हो सका है। एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, राजभवन में पायलट समर्थक विधायक जमीन पर बैठकर उनके समर्थन में नारे लगा रहे हैं।
इससे पहले अशोक गहलोत ने मीडिया से कहा 'सोमवार से विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं। इसके लिए कल ही राज्यपाल को पत्र लिखा है। हमें आशा थी कि रात में ही निर्देश मिल जाएगा। यह निर्देश राज्यपाल को देना ही होता है। उनसे फोन पर भी बात हुई। पता नहीं उनपर किस तरह का दबाव है कि निर्देश नहीं मिल रहा है।'