कांग्रेस बोली - सचिन पायलट अब भाजपा में हैं, अशोक गहलौत के दो करीबी के ठिकाने पर छापे
राजस्थान में यह अब बहुत स्पष्ट हो गया है कि सचिन पायलट कांग्रेस में नहीं रहेंगे...
जनज्वार। राजस्थान में उपमुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की बगावत से राज्य की अशोक गहलौत सरकार के सामने संकट उत्पन्न हो गया है। इस बीच कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सचिन पायलट अब भारतीय जनता पार्टी में हैं। भारतीय जनता पार्टी का क्या रुख कांग्रेस पार्टी के लिए रहता है, यह जगजाहिर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं का सम्मान होता है।
#WATCH Sachin Pilot is now in Bharatiya Janata Party. Everyone knows BJP's attitude towards Congress party. We don't need a certificate from BJP. In Congress Party, all leaders and workers are respected: AICC general secretary in-charge of Chhattisgarh, PL Punia pic.twitter.com/kQNd77J2cK
— ANI (@ANI) July 13, 2020
सचिन पायलट के समर्थन में 25 से 30 विधायक बताए जाते हैं। उधर, यह भी संभावना जतायी जा रही हैं कि अगर सचिन पायलट भाजपा में नहीं शामिल होते हैं तो वे कोई क्षेत्रीय पार्टी गठित कर सकते हैं।
उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत के दो समर्थक नेताओं के ठिकाने पर आयकर के छापे पड़े हैं। इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौर व राजीव अरोड़ा के कई ठिकानों पर छापे मारे हैं। राजीव अरोड़ा के जयपुर के अम्रपाली स्थित आफिस पर भी छापे मारे गए हैं।
Rajasthan: Income Tax Department conducting raid at Rajiv Arora's Amrapali office in Jaipur. Rajiv Arora is a member of State Congress Office. pic.twitter.com/hVwU0WnEgX
— ANI (@ANI) July 13, 2020
आयकर विभाग राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र में कई जगहों पर छापे मार रही है। इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों ने कहा है कि टैक्स में गड़बड़ी की शिकायत के आधार पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
उधर, जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलौत के आवास पर कांग्रेस विधायकों की एक बैठक शुरू हुई है, जिसमें 90 विधायकों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है।
राजस्थान के राजनीतिक संकट पर भाजपा उपाध्यक्ष ओम माथुर ने कहा है कि राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका दिया था, उन्होंने उसका उपयोग किया। मुख्यमंत्री सरकार को एकजुट नहीं रख सके, वे ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं। उनकी पार्टी के विधायक उनसे खुश नहीं हैं।