राजस्थान के जालोर में खलासी की गलती से बस बनी चिता, 6 जैन श्रद्धालुओं की जलने से मौत, 36 झुलसे

बस पर अजमेर जिले के जैन श्रद्धालु थे। जैन मंदिरों के दर्शन कर लौटते वक्त ड्राइवर रात में रास्ता भटक गया और वह गूगल मेप से रास्ता ढूंढते हुए वह एक गांव में पहुंच गया जहां बिजली की तार के चपेट में बस आ गयी...

Update: 2021-01-17 07:56 GMT

जनज्वार। राजस्थान के जालोर में एक बस में आग लग जाने से कम से कम छह यात्री जिंदा जल कर मर गए। यह हादसा बस के बिजली की तार के चपेट में आने से हुआ। यह हादसा जालोर से 10 किमी दूर महेशपुरा गांव के निकट शनिवार (16 जनवरी 2021) की रात पौने 11 बजे के करीब हुआ। बस में जैन श्रद्धालु सवार थे।

हादसे की एक प्रमुख वजह बस का राह भटक जाना है, जिसके कारण ड्राइवर उसे गांव की ओर लेकर चला गया और वहां कम हाइट के बिजली तार की चपेट में आ जाने से हादसा हो गया। हालांकि रात में रास्ता भटकने के बाद गूगल मैप के जरिए लोग रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे थे। बस पर सवार सभी श्रद्धालु अजमेर जिले के ब्यावर के थे। वे बाड़मेर के नाकोड़ा में दर्शन करने के बाद जालोर के मांडोली में जैन मंदिर का दर्शर करने पहुंचे थे।

दर्शन के बाद वापस ब्यावर जाते वक्त बस चालक रास्ता भटक गया और वह महेशपुरा गांव पहुंच गया, जहां संकरी गलियों में झूलते बिजली तार की चपेट में आने से हादसा हो गया। इस हादसे में 36 से अधिक श्रद्धालु झूलस गए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने हादसे के संबंध में बताया कि बस गांव की सकरी गली में चली गयी और वहां से निकलते समय 11 केवी का बिजली तार जो काफी नीचे था उसको देखने के लिए बस का स्टाफ ऊपर चढ़ गया था। इस दौरान उसका हाथ 11 केवी लाइन से छू गया और इसके बाद पूरी बस में बिजली का करंट फैल गया और इतना बड़ा हादसा हो गया।

इस हादसे में जिन श्रद्धालुओं की मौत हुई है वे अजमेर क ब्यावर के रहने वाले थे। मरने वालों में अनिल जैन की पत्नी 44 वर्षीय सोनल, अंकित जैन की पत्नी 25 वर्षीया सुरभि, गजराज जैन की पत्नी 65 वर्षीया चांद देवी, 38 वर्षीय राजेंद्र जैन, ड्राइवर धर्मचंद जैन व बस का खलासी शामिल हैं।

हादसे के बाद महेशपुरा गांव के लोग पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए और घायलों को एक व्यक्ति के घर में रखा गया। हालांकि इस बीच प्रशासन को सूचना मिलने पर सरकारी टीम भी मौके पर पहुंची। संकरी जगह होने के कारण फायरबिग्रेड की छोटी गाड़ियां मौकें पर पहुंची और राहत बचाव कार्य चलाया गया। एंबुलेंस से घायलों को पास के अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।

घटना के संबंध में एक बात यह भी बतायी जा रही है कि बस पर सवार लोग जब एक जगह चाय नास्ता कर आगे की ओर बढे तो आहोर चैराहे के पास नेविगेशन गलत दिशा का लगा हुआ था जिस कारण वे गलत रास्ते पर चले गए।

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