अशोक गहलोत बोले, हम जानते थे कि सचिन पायलट निकम्मा और नाकारा हैं

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के विरुद्ध अबतक का सबसे बड़ा और तीखा हमला किया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पायलट के लिए अत्यंत ही कटु शब्दों का प्रयोग किया।

Update: 2020-07-20 11:03 GMT

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर अबतक का सबसे तीखा प्रहार किया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने नाकारा और निकम्मा जैसे कुछ अत्यंत ही कड़े शब्दों का प्रयोग किया।

गहलोत ने कहा 'हम जानते थे कि वो (सचिन पायलट) व्यक्ति निकम्मा है, नाकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है। खाली लोगों को लड़वा रहा है। वे कहते थे, मैं यहां बैगन बेचने नहीं आया, मैं यहां सब्जी बेचने नहीं आया, मैं यहां सीएम बनने के लिए आया हूं। सचिन पायलट ने जिस रूप में खेल खेला, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।'

अशोक गहलोत आज जयपुर में मीडिया से बात करते हुए पूरे रौ में थे। उन्होंने कहा 'किसी को यकीन नहीं होता कि यह व्यक्ति ऐसा कर सकता है। मासूम चेहरा, हिंदी-इंग्लिश पर अच्छी कमांड और पूरे देश की मीडिया को इंप्रेस कर रखा है।'

गहलोत इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने पायलट पर कई निजी हमले भी किए। उन्होंने कहा 'सचिन ने बहुत गंदा खेल खेला है। पायलट पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूरा विश्वास था, लेकिन वे खरे नहीं उतरे। उन्हें कम उम्र में केंद्रीय मंत्री बनाया गया, प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, उपमुख्यमंत्री बनाया गया। 7 साल में कभी प्रदेश अध्यक्ष बदलने की मांग नहीं उठी। उनके खिलाफ किसी ने कभी कुछ नहीं बोला।'

गहलोत ने आरोप लगाया कि मानेसर में विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है। वहां उन्होंने बाउंसर लगा रखे हैं। उन्होंने कहा 'पहले 10 मार्च को यह खेल होना था। उन्हें 11 मार्च को मानेसर जाना था। मुंबई के बड़े कारपोरेट हाउस इन्हें फंडिंग कर रहे हैं। वकीलों के 50-50 लाख की फीस आखिर वे कहाँ से दे रहे हैं।'

राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच अभी जमकर वार-प्रतिवार चल रहा है। हालांकि सचिन पायलट ने अभी कांग्रेस और गहलोत के विरुद्ध खुलकर कोई बयान नहीं दिया है, पर गहलोत लगातार पायलट पर आक्रामक बयान दे रहे हैं। वे पायलट पर सीधे अपनी सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगातार लगा रहे हैं।

सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटाया जा चुका है। पायलट तथा उनके गुट के अन्य 18 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नोटिस जारी किया गया है कि क्यों नहीं उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाय। इस नोटिस के विरुद्ध पायलट गुट के विधायक राजस्थान उच्च न्यायालय की शरण मे गए हैं, जिसकी आज सुनवाई चल रही है।

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