फोन टैपिंग मामले में गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी, बीटीपी के दो विधायकों ने गहलोत को दिया समर्थन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले बीजेपी ने फोन टैपिंग मामले को गैरकानूनी बताते हुए CBI जांच की मांग की थी।
जनज्वार। राजस्थान में सियासी घमासान के बीच अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ऐक्शन में आ गया है और राजस्थान सरकार से रिपोर्ट मांगी है। 18 जुलाई को बीजेपी ने फोन टैपिंग पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। उधर बीटीपी के दो विधायकों ने गहलोत को समर्थन कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेताओं के कथित फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के चीफ सेक्रेट्री से रिपोर्ट मांगी है। वहीं राजस्थान सरकार को गिराने के लिए कथित बातचीत के वायरल हुई ऑडियो को SOG द्वारा फोरेंसिक जांच हेतु भेजा जा सकता है।
उधर भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों ने अशोक गहलोत को समर्थन दे दिया है। राजकुमार राउत और रामप्रसाद दिंडोल ने अपना समर्थन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके क्षेत्र की विकास योजनाओं को गति देने की उनकी मांग मान ली है।
इससे पहले बीजेपी ने भी राजस्थान पुलिस में एक लिखित शिकायत की थी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता द्वारा की गई इस शिकायत में कहा गया था कि षडयंत्र के तहत छद्म आवाजों के साथ ऑडियो तैयार किया गया है और उसे बीजेपी के बड़े नेताओं की आवाज बताया जा रहा है। इस छद्म आवाज वाले ऑडियो क्लिप की आड़ में उनकी पार्टी के विरुद्ध बयान देकर क्षवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा था 'राज्य सरकार को इसका जबाब देना चाहिए कि क्या वे फोन टैपिंग में संलिप्त थे, चूंकि FIR में इस ऑडियो क्लिप को कथित बताया गया है और मुख्यमंत्री और उनके अन्य नेता उस ऑडियो क्लिप को वास्तविक बता रहे हैं। हम इसकी CBI जांच की मांग करते हैं कि क्या फोन टैपिंग की गई या SOP का पालन किया गया? क्या राजस्थान में आपातकाल की स्थिति है? क्या सभी राजनैतिक दल इसी तरह टारगेट किए जाते रहेंगे?'
इस वायरल ऑडियो क्लिप को लेकर गजेंद्र सिंह, विधायक भंवरलाल शर्मा और संजय जैन के विरुद्ध FIR दर्ज की गई थी। यह FIR कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश शर्मा की शिकायत पर दर्ज की गई थी। संजय जैन को SOP द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।