Jodhpur Violence : कैसे और क्यों हुआ जोधपुर में हिंसक झड़प, ये है असली वजह

Jodhpur Violence : परंशुराम जयंती की कड़ी में लोग जोधपुर के जालौरी गेट चौराहे पर स्वर्गीय बालमुकंद की बिस्सा के चौराहे पर भगवा ध्वज फहराए हुए थे, जिसको लेकर प्रशासन ने ब्राह्मण समाज से अनुरोध कर सोमवार को दोपहर में भगवा ध्वज उतरवा लिए थे।

Update: 2022-05-03 03:35 GMT

Jodhpur Violence : कैसे और क्यों हुआ जोधपुर हिंसा, ये है असली वजह 

Jodhpur Violence : करौली हिंसा के बाद अब ऐतिहासिक शहर जोधपुर सांप्रदायिक हिंसा ( Communal violence ) की चपेट में आ गया है। बीती रात झंडा फहराने को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस घटना में पुलिसकर्मी औरम मीडिया कर्मी घायल हो गए। घटना के बाद से जोधपुर में तनाव ( Tension in Jodhpur ) की स्थिति है। इंटरनेट सेवाएं बंद ( Internet Services Closed ) कर दी गई हैं। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है, लेकिन अहम सवाल यह है कि राजस्थान की अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) सरकार ने करौली हिंसा ( Karauli Violence ) से सीख क्यों नहीं ली? अब लोग यह जानना चाहते हैं कि इसके पीछे किसका हाथ है।

ये है हिंसक झड़प की मूल वजह

दरअसल, जोधपुर में इन दिनों तीन दिवसीय परशुराम जयंती महोत्सव चल रहा है। परंशुराम जयंती की कड़ी में लोग जोधपुर के जालौरी गेट चौराहे पर स्वर्गीय बालमुकंद की बिस्सा के चौराहे पर भगवा ध्वज फहराए हुए थे, जिसको लेकर प्रशासन ने ब्राह्मण समाज से अनुरोध कर सोमवार को दोपहर में भगवा ध्वज उतरवा लिए थे। इसके बावजूद रात होते-होते अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी के प्रतिमा पर चढ़कर ध्वजा लगाकर उनके चेहरे को टेप से ढक दिया था।

विशेष समुदायों के लोगों की इस हरकत के बाद स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा के रिश्तेदार और अन्य लोगों ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से इस्लामिक ध्वज उतारने को कहा। तभी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने हिंदू संगठनों के लोगों पर हमला बोल दिया। हिंदू संगठनों के लोगों को पूरी तरह से पीटा। हमले से बचने के लिए हिंदू संगठनों के लोग पास स्थित पुलिस चौकी में पहुंचे लेकिन अल्पसंख्यकों की भीड़ ने पुलिस चौकी में भी तोड़फोड़ कर दी और हिंदू संगठनों के लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी।

बेबस दिखी पुलिस

घटना के दौरान जालौरी गेट पर जोधपुर पुलिस ( Jodhpur Police ) मौके पर मौजूद रही, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पुलिस उनके आगे बेबस नजर आई। बाद में कंट्रोल रूम से अतिरिक्त पुलिस बल और दोनों डीसीपी मौके पर पहुंचे। लेकिन, तब तक पूरे शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई थी कि जालौरी गेट चौराहे पर हिंदू-मुस्लिम का दंगा हो चुका है और दोनों ही पक्षों के लोग जालौरी गेट पहुंचने शुरू हो गए।

सीएम गहलोत ने की शांति बनाए रखने की अपील

इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) ने जोधपुर के जालोरी गेट पर 2 समूहों के बीच झड़प में शामिल लोगों से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में आपस में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने ने ट्वीट कर प्रशासन को हर कीमत पर शांति व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिए हैं।

Jodhpur Violence : बता दें कि राजस्थान के जोधपुर में ईद (Eid 2022) से पहले यानि बीती रात 2 समुदाय के लोग आमने सामने आ गए। उनके बीच झंडा लगाने व फहराने को लेकर हिंसक झड़प हो गई। जोधपुर के जालौरी गेट चौराहे पर दो गुटों में यह झड़प स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति पर इस्लामिक झंडा फहराने की वजह से हुई। ऐसा इसलिए कि इस्लामिक झंडा फहराने की वजह से ही विवाद ने तूल पकड़ा जो बढ़ते-बढ़ते पत्थरबाजी तक पहुंच गया। पत्थरबाजी में कई लोग चोटिल हुए हैं।

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