राजस्थान में बैठक के बाद विधायकों को बसों से ले जाया गया, क्या बच गई गहलोत की सरकार!
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर कांग्रेस विधायकों की बैठक में 107 विधायकों के उपस्थित होने का दावा उनके मीडिया सलाहकार ने किया।
जनज्वार। राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक समाप्त हो गई है। बैठक के बाद विधायकों को बसों से ले जाया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मीडिया सलाहकार ने 107 विधायकों के मौजूद रहने का दावा किया है। बड़ा सवाल यह है कि क्या गहलोत सरकार पर मंडरा रहा खतरा भी फिलहाल टल गयाहै?
जानकारी के मुताबिक बैठक में बीजेपी पर राज्य के 8 करोड़ लोगों की भावनाओं से खेलने का आरोप लगाया गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में आस्था व्यक्त की गई। साथ ही पार्टी और सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया गया है।
बैठक के बाद विधायकों को बसों द्वारा ले जाया गया है। बैठक में जाने से पहले गहलोत के साथ विधायकों ने विक्ट्री साइन दिखाया। मीटिंग के पहले विधायकों ने सरकार के ऊपर किसी प्रकार के खतरे से इनकार किया और अशोक गहलोत के नेतृत्व पर भरोसा जताया।
बैठक निर्धारित समय से लगभग 3 घँटे देरी से शुरू हुई। बैठक में उपस्थित होने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था। आलाकमान के निर्देश पर आए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय और अजय माकन भी बैठक में उपस्थित थे।
पायलट खेमा ने हालांकि बैठक को लेकर अभी कुछ नहीं कहा है। पायलट ने 30 विधायकों के अपने साथ होने की बात कही थी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और आलाकमान के निर्देश पर जयपुर पहुंचे रणदीप सुरजेवाला ने सचिन पायलट और पार्टी विधायकों से किसी भी समस्या को पार्टी फोरम में उठाने की अपील की थी। सुरजेवाला ने कहा था 'पिछले 48 घँटों में कांग्रेस नेतृत्व ने सचिन पायलट से कई बार बात की है। आज की इस मीटिंग से पार्टी की एकजुटता बढ़ेगी तथा सरकार और मजबूत होगी। हम खुले मन से पार्टी विधायकों और नेताओं की समस्याओं को सुलझाएंगे।'
अशोक गहलोत के आवास पर हो रही कांग्रेस विधायकों की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। बताया गया था कि बैठक के बाद सरकार के भविष्य पर भी फैसला हो जाएगा। चूंकि पायलट खेमे ने 30 विधायकों का साथ होने और सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर सनसनी फैला दी थी।
इससे पहले कल देर रात पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने 109 विधायकों के लिखित समर्थन का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि 109 विधायकों ने लिखित समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर किया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को समर्थन दिया है। इन विधायकों ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था व्यक्त की है। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके अतिरिक्त कुछ अन्य विधायकों ने भी फोन पर समर्थन देने का वादा किया है।
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बैठक में शामिल नहीं होने की बात कह दी थी। उन्होंने यह भी दावा कर दिया था कि 30 विधायक उनके साथ हैं। इस बीच पायलट के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा भी शुरू हो गयी थी।
पायलट ने दावा किया था कि राज्य की गहलोत सरकार अल्पमत में है। बताया जा रहा है कि पायलट अभी दिल्ली में डटे हैं और चर्चा है कि उनके कई समर्थक विधायक भी वहीं हैं।
कांग्रेस आलाकमान द्वारा इस समस्या को सुलझाने के लिए भेजे गए कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी व पार्टी महासचिव अविनाश पाण्डेय 12 जुलाई की देर रात जयपुर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर उनकी लंबी बैठक हुई थी।
उससे पहले 12 जुलाई की शाम मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस मंत्रियों और विधायकों की बैठक हुई थी। बैठक के बाद बाहर निकले कांग्रेस विधायकों ने मीडिया से कहा था कि सरकार बिल्कुल सुरक्षित है और सरकार को पूर्ण बहुमत प्राप्त है।
पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने मीडिया से कहा था 'बीजेपी राजस्थान में अनिश्चितता की स्थिति बनाना चाहती है, पर इसमें सफल नहीं होगी। बीजेपी सरकार को अस्थिर करना चाहती है। सभी कांग्रेस विधायक हमारे संपर्क में हैं। सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। सचिन पायलट से संपर्क करने की कोशिश की गई है, हमने उनके लिए सन्देश छोड़ा है। हर किसी को SOG का सहयोग करना चाहिए। किसी अनुसंधान में सहयोग करने में कोई परेशानी की बात नहीं।'