राजस्थान : पायलट गुट के विधायकों ने कहा-हमारी लड़ाई गहलोत के नेतृत्व से, पार्टी से नहीं
राजस्थान में पिछले कुछ समय से चल रहा राजनैतिक बवंडर अभी भी थमता नहीं दिख रहा है। पायलट गुट के विधायक मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं तो उधर बसपा विधायकों के विलय मुद्दे पर हाईकोर्ट ने स्पीकर से जबाब मांगा है।
जयपुर। राजस्थान में पिछले कुछ समय से चल रहे सियासी संकट(Political crisis) के दौर में अभी ठहराव आता नहीं दिख रहा। 5 अगस्त को पायलट गुट(Pilot group) के विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा तो दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने बसपा(BSP) विधायकों के कॉंग्रेस में विलय मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से जबाब मांगा है।
पायलट गुट के विधायक हेमाराम चौधरी ने 5 अगस्त को कहा 'हम कॉंग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और हमारी लड़ाई पार्टी के खिलाफ नहीं है। हम गहलोत के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद कहा है कि उनकी सचिन पायलट के साथ बातचीत नहीं होती थी, ऐसे में सभी लोग देख सकते हैं कि वह किस तरह सरकार चला रहे थे।'
यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कल कहा था कि बागी कॉंग्रेस विधायकों की वापसी के लिए पहले बीजेपी से दोस्ती तोड़नी होगी और उनकी मेजबानी छोड़कर घर लौटना होगा।
उधर 5 अगस्त को राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan highcourt) में बीजेपी विधायक मदन दिलावर और बसपा पार्टी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने विधानसभा स्पीकर(Speaker) से कल तक जबाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।
हाईकोर्ट ने 30 जुलाई को बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में विधानसभा स्पीकर, सचिव और उन विधायकों को नोटिस भेजा था। नोटिस का 11 अगस्त तक जबाब देना था।