राजस्थान हॉर्स ट्रेडिंग केस : जिस धारा के कारण बढ़ी थी तल्खी वह हटाई गई, अब ACB करेगी जांच

माना जाता है कि पायलट और उनके गुट के विधायकों को राजद्रोह की धारा वाली नोटिस दिए जाने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच तल्खी ज्यादा बढ़ गई थी। अब इस धारा 124ए को हटा लिया गया है।

Update: 2020-08-04 13:23 GMT

जयपुर। राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग केस की जांच अब ACB करेगी।SOG ने हॉर्स ट्रेडिंग केस को ACB को ट्रांसफर कर दिया है। इसमें भी बड़ी बात यह है कि इस केस में से राजद्रोह की धारा हटा दी गई है।

माना जा रहा था कि राजद्रोह की धारा वाली नोटिस मिलने के बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद और गहरा गया था। अब इस धारा को हटाते हुए केस को ही ACB को ट्रांसफर कर दिया गया है।

पायलट और उनके खेमे के विधायकों को जो नोटिस दी गई थी, उसमें धारा 120बी और 124ए भी लगाई गयी थी। 124ए की यह धारा राजद्रोह के तहत मानी जाती है। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर न्यूनतम 3 साल और अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

आज राजस्थान उच्च न्यायालय में SOG की FIR दर्ज करने के अनुरोध को लेकर दायर की गई याचिका पर भी सुनवाई हुई। यह याचिका पायलट गुट के विधायक भंवरलाल शर्मा की ओर से दायर की गई है। सुनवाई के बाद इसपर 13 अगली सुनवाई की तिथि 13 अगस्त निर्धारित कर दी गई है।

इससे पहले अशोक गहलोत गुट के विधायकों को जयपुर से जैसलमेर भेज दिया गया था। वहां वे एक होटल में ठहरे हुए हैं। खुद मुख्यमंत्री गहलोत भी उन्हें छोड़ने उनके साथ गए थे।

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