राजस्थान : कोरोना से मौत होने पर निकाय कर्मियों के परिजनों को भी मिलेंगे 50 लाख

कोरोना काल में कोविड-19 से मौत होने पर राज्य के निकायों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के परिजनों को सरकार ने 50 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है..

Update: 2020-08-06 04:13 GMT

File photo

जयपुर। राजस्थान में निकाय कर्मियों (Corporation Employees) को भी अब फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर (Frontline corona varriers) मान लिया गया है। कोरोना काल में कोविड-19 संक्रमण से इनकी मौत होने की स्थिति में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की तरह इनके परिजनों को भी अब 50 लाख (Fifty lacs) रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Ashok Gahlot) ने इसकी घोषणा की है। गहलोत राज्य के 151 कर्मचारी संगठनों (Employee Unions) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात कर रहे थे। कोविड-19 को लेकर वे इन संगठनों के प्रतिनिधियों (Representatives) के साथ चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान यह बात उठी कि कोरोना काल में निकाय कर्मी भी फ्रंटलाइन पर काम कर रहे हैं, पर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की तरह इनका 50 लाख का बीमा (Insurance) नहीं कराया गया है।

इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में अगर किसी निकाय कर्मचारी या अधिकारी की कोविड-19 के कारण मृत्यु होती है, तो सरकार उनके परिजन को 50 लाख रुपये का मुआवजा देगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के गंभीर रोगियों के लिए राज्य में प्लाज्मा थेरपी की शुरुआत कर दी गई है और अबतक लगभग 115 लोगों को प्लाज्मा थेरपी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है, जिसने अपने राज्य के सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों की चिंता की है और उनको 50 लाख के बीमा कवर की सुविधा दी है।

राज्य के निकायों के कर्मचारी संगठनों ने मांग किया कि सफाई कर्मियों को पीपीई किट, सेनेटाइजर और मास्क के लिए दी जा रही सहायता राशि बढ़ाई जाए, चूंकि ये भी फ्रंटलाइन वॉरियर के रूप में काम कर रहे हैं। स्थानीय निकाय आर्थिक रुप से इसमें सक्षम नहीं हो पा रहे कि ऐसा कर पाएं। इसपर मुख्यमंत्री ने उन्हें 50 लाख की मुआवजा राशि देने की घोषणा की।

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