राजस्थान : कांग्रेस ने विश्वास मत हासिल करने के लिए स्पीकर को दिया नोटिस

स्पीकर सीपी जोशी अगर इस संबंध में फैसला लेते हैं तो गहलोत सरकार आज ही सदन में विश्वास मत साबित करने की प्रक्रिया पूरी कर सकती है...

Update: 2020-08-14 06:26 GMT

File photo

जनज्वार। राजस्थान में शुक्रवार को विधानसभा का सत्र आरंभ हो गया है। इस दौरान राजनीतिक संकट से जूझ रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन में विश्वास मत हासिल करेंगे। इसके लिए कांग्रेस ने स्पीकर सीपी जोशी को नोटिस भी दिया है। राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इस संबंध में कहा कि हमने स्पीकर सीपी जोशी को विश्वास मत के लिए एक नोटिस दिया है और उस पर वे एक बजे निर्णय लेंगे।

इससे पहले आज सुबह विधानसभा के सत्र में भाग लेने के लिए विपक्ष की नेता वसुंधरा राजे, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अन्य नेता विधानसभा भवन पहुंचे। कार्यवाही शुरू होने के बाद शहीदों व अन्य को शोक संवेदना प्रकट किए जाने के बाद स्पीकर सीपी जोशी ने सत्र की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सचिन पायलट की बगावत के कारण अशोक गहलौत को पिछल कुछ सप्ताह से लगातार राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालांकि अब यह कहा जा रहा है कि यह संकट टल चुका है। कांग्रेस हाईकमान अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच सुलह कराने में सफल होने का दावा कर रहा है। कल ही दोनों नेताओं की मुलाकात भी हुई थी।

कांग्रेस के फेयरमोंट होटल में रखे गए विधायक वहां से सीधे विधानसभा भवन पहुंचे हैं। विधायकों ने मीडिया से कहा है कि गहलौत सरकार को बहुमत हासिल है। राजस्थान के मंत्री शांति धारीवाल ने कहा है कि हमारी सरकार के पास बहुमत है और हम इसे हासिल कर लेंगे।

इससे पहले कल वसुंधरा राजे ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी। वहीं, सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट की थी। सचिन पायलट की कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह माना जा रहा है कि उनकी नाराजगी दूर हो गई है।

विश्वास मत हासिल होने पर छह महीने राहत

अगर स्पीकर के फैसले के बाद कांग्रेस आज ही सदन में विश्वास मत हासिल कर लेती है तो उसके लिए अगले छह महीने राजनीतिक संकट टल सकता है। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि वह कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। जाहिर है कि अगर भाजपा ऐसा प्रस्ताव लाती है तो बहुमत साबित करने के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसमें वोटिंग होगी।

बसपा ने दिया है स्टे एप्लीकेशन 

वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने अपने विधायकों को कांग्रेस के खिलाफ वोट देने को कहा है। हालांकि बसपा के सभी विधायक पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस में शामिल करवाए जा चुके हैं।

बहुजन समाज के पार्टी के छह विधायक जीत कर आए थे, जिन्हें मुख्यमंत्री गहलोत ने कांग्रेस में शामिल करवा लिया था। इस मामले में उनके कांग्रेस में शामिल होने को स्पीकर सीपी जोशी ने मंजूरी दी थी। इस मामले में स्पीकर के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था। वहीं, बसपा ने इस मामले में राजस्थान हाइकोर्ट में एक स्टे एप्लीकेशन दिया है, जिस पर सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होनी है और फैसला आना है।

सचिन पायलट ने क्या कहा है?

सचिन पायलट ने ट्वीट कर कांग्रेस के चुनावी घोषणाओं के प्रति अपना समर्पण प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीटर पर कल ही लिखा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संगठन मंत्री केसी वेणुगोपाल, प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा व अन्य विधायकों के साथ विधायक दल की बैठक में शामिल हुआ, राजस्थान की जनता के हित में और किए गए वादों के अनुरूप कार्य करने के लिए हम दृढ संकल्पित हैं। सचिन पायलट गुट में उनके सहित 19 विधायक थे जिन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत की थी।

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