राजस्थान : पायलट खेमे का रुख कड़ा, 'बहुमत बंगले के बैक गार्डन में नहीं विधानसभा में तय होता है'

सचिन पायलट ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। 20 विधायकों ने आज अशोक गहलौत की बैठक से दूरी बनाए रखी।

Update: 2020-07-13 13:38 GMT

(सचिन पायलट) File photo

जनज्वार। राजस्थान में उपमुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बागी होने के बाद राज्य की अशोक गहलौत सरकार संकट में पड़ गई है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने अपने बंगले में सोमवार (13 july) को एक बैठक कर विधायकों के अपने पक्ष में होने एवं जादुई आंकड़े से कहीं अधिक 109 विधायकों के समर्थन का दावा किया। पर, सचिन पायलट गुट ने गहलौत के दावे को खारिज कर दिया है। पायलट के करीबियों का कहना है कि बहुमत बंगले के बैक गार्डन में नहीं विधानसभा के पटल पर तय होता है।



सचिन पायलट गुट का यह भी कहना है कि अगर गहलौत सरकार के पास बहुमत है तो उन्होंने विधायकों की संख्या क्यों नहीं गिनी। उन्हें होटल में ले जाने के बजाय गवर्नर के पास ले जाना चाहिए था। मालूम हो कि गहलौत के साथ हुई बैठक के बाद विधायकों को जयपुर के होटल फेयरमाउंट में शिफ्ट किया गया है।

उधर, न्यूज एजेंसी एएनआइ ने सचिन पायलट के करीबी लोगों को हवाले से यह खबर दी है कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। ऐसे में सचिन पायलट के पास दो विकल्प बचते हैं : एक वे केंद्रीय नेतृत्व से अपनी नाराजगी पर बात व मोलभाव करें और पार्टी में रहने को मान जाएं, दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि वे किसी क्षेत्रीय पार्टी का गठन करें।



जब आज अशोक गहलौत की बैठक में 20 विधायक शामिल नहीं हुए तो यह बहुत स्पष्ट हो गया कि सचिन पायलट को भी अच्छी संख्या में विधायकों का समर्थन हासिल है। गहलौत सरकार में कैबिनेट मंत्री अशोक मीणा ने तो खुले तौर पर कह दिया है कि वे सचिन पायलट के साथ हैं। 



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