राजस्थान पंचायत चुनाव : 21 में 14 जिलों पर भाजपा का कब्जा, कांग्रेस के कब्जे में पांच, मंत्रियों का प्रदर्शन खराब

राज्य में शासन कर रही कांग्रेस को पंचायत निकाय चुनाव में करारा झटका लगा है। पार्टी बामुश्किल 21 में पांच जिलों में जिला परिषद पर कब्जा कर पाने की स्थिति में पहुंच पायी है, जबकि भाजपा के कब्जे में 14 जिला परिषद आती दिख रही है...

Update: 2020-12-09 07:39 GMT

जनज्वार। राजस्थान स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के पटखनी दे दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रियों व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के इलाके में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के बाद राजस्थान पंचायत निकाय चुनाव में जीत मिलने से भाजपा में जश्न है और उसके कार्यकर्ता उत्सव मना रहे हैं। राज्य के 21 जिलों में हुए चुनाव में 14 जिलों के स्थानीय निकाय पर भाजपा कब्जा कर बोर्ड बनाने की स्थिति में पहुंचती दिख रही है।

खबर लिखे जाने तक प्राप्त नतीजों के अनुसार, भाजपा ने 323 सीटों पर कब्जा कर लिया है, जबकि कांग्रेस अबतक 247 सीटें जीत पायी है। अन्य व निर्दलीयों के खाते में 67 सीटें गईं हैं।

21 जिलों की 636 जिला परिषद व 4371 पंचायत समिति सदस्यों के हुए चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के अलावा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी मजबूती से मैदान में कूदी थी।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के इलाके में पार्टी हारी

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासोरा के गृह जिले सीकर में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है। यहां तक कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ में भी पार्टी को जीत नहीं दिलवा पाए। वहां भाजपा ने जीत का परचम लहरा दिया है।

लक्ष्मणगढ पंचायत समिति की 25 सीटों पर भाजपा ने 13, कांग्रेस ने 11 व निर्दलीय ने एक सीट हासिल की हैं।

सीकर की 12 पंचायत समिति में सात पंचायत समिति पर सत्ता का संतुलन निर्दलीयों के हाथों में है। वे जिसकी ओर जाएंगे सत्ता उसी के हाथ होगी। जिले नेछवा, पाटन, फतेहपुर, नीमकाथाना में किसी भी दल को बहुतम हासिल नहीं हुआ है।

गहलोत के मंत्रियों का प्रदर्शन खराब

कंाग्रेस को राज्य के सिर्फ 5 जिलों हनुमानगढ, प्रतापगढ, बांसवाड़ा, जैसलमेर और भीलवाड़ा में जीत हासिल हुई है। मुख्यमंत्री गहलोत के अधिकतर मंत्रियों के इलाके में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है। प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री जहां अपने जिले सीकर में जिला परिषद व अपने विधानसभा क्षेत्र की पंचायत समिति पर पार्टी को कब्जा नहीं दिलवा सके, वहीं चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के जिले अजमेर में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

खेल मंत्री अशोक चांदना के जिले बूंदी में पार्टी बहुमत से दूर रही। उधर, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के जिले चित्तौड़गढ में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। वन मंत्री सुखराम विश्नोई के इलाके में भी पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है।

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