बसपा ने कांग्रेस के खिलाफ वोट देने का ह्विप जारी किया, उदित राज बोले - सीबीआइ, इडी, आइटी से डरीं बहन जी

राजस्थान के राजनीतिक उथल-पुथल में बहुजन समाज पार्टी ने अपने सिंबल पर जीते छह विधायकों को ह्विप जारी कर अशोक गहलौत की परेशानी और बढा दी है...

Update: 2020-07-27 04:31 GMT

जनज्वार। राजस्थान में अशोक गहलौत सरकार पर सचिन पायलट की बगवात से संकट मंडरा रहा है। अब कांग्रेस की चिंता बहुजन समाज पार्टी ने भी बढा दी है। बसपा ने एक ह्विप जारी कर अपने विधायकों से कहा है कि विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान वे कांग्रेस के खिलाफ मतदान करें। ये विधायक बसपा के सिंबल पर चुनाव जीते थे, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलौत उन्हें कांग्रेस में शामिल करने की बात पहले ही कह चुके हैं। मालूम हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलौत राज्यपाल कलराज मिश्र से लगातार राज्य में बहुमत परीक्षण की मांग कर रहे हैं और बहुमत साबित करने के लिए जरूरी नंबर होने का भी दावा कर रहे हैं।

बसपा ने रविवार की रात जारी ह्विप में कहा है कि अगर कोई विधायक इसका उल्लंघन करेगा तो उसकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। बसपा ने कहा है कि कांग्रेस की धोखा देने की पुरानी प्रवृत्ति है, अभी से नहीं शुरू से ही। इन्होंने डाॅ भीमराव अंबेडकर को चुनाव हराने का काम किया था। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस ने राजस्थान में हमारे विधायकों को बंदी बना रखा है, इसलिए बसपा ने नोटिस जारी किया है।

सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारे राजस्थान में छह विधायक हैं। ये बसपा के सिंबल पर जीत कर आए हैं। नेशनल पार्टी होने के कारण देश में हमारे जितने भी विधायक देश में चुन कर आते हैं उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष ह्विप जारी करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने गहलौत सरकार को बाहर से समर्थन दिया।

मिश्रा ने कहा कि गहलौत ने अपनी पिछली सरकार में हमारे आठ विधायकों को अपनी पार्टी में मिलाने की बात कही थी और इस बार भी यह कह रहे हैं कि बसपा के छह विधायक हमने तोड़ लिया है और मिला लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमें व मतदाताओं को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्य में बसपा के विधायक हैं और नेशनल पार्टी होने के कारण हर राज्य में विलय करती है तब उसे विलय माना जाएगा लेकिन ऐसा नहीं है।

उधर, कांग्रेस नेता उदित राज ने बसपा के इस ह्विप पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान में बसपा के सारे विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए तब ह्विप लागू ही नहीं होता है। उन्होंने कहा कि बसपा ने टिकट तो उसको नहीं दिया जो पार्टी के थे, नोट लेकर गैरों को दिया तो वे क्यों वफादार रहें। उन्होंने आरोप लगाया है कि बसपा ऐसा करके भाजपा को मदद कर रही है क्योंकि उसे सीबीआइ, इनकम टैक्स और इडी का भय है। उसे समाज से लेना देना नहीं है।

यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी कहा है कि लोकतंत्र से बहुजन समाज पार्टी को कोई लेना देना नहीं है। भाजपा के इशारों पर वह काम करती है। उन्होंने कहा कि बसपा भाजपा की घोषित प्रवक्ता के रूप में काम कर रही है। इडी और सीबीआइ के डर से बहुत से लोगों के घर के दरवाजे बंद हो गए हैं।

पिछले साल सितंबर में कांग्रेस में शामिल हुए थे विधायक

बसपा के सिंबल पर जीते छह विधायक राजेंद्र गुढा, जोगेंद्र सिंह अवाना, लाखन सिंह, दीपचंद खेरिया, वाजिब अली व संदीप यादव ने पिछले साल सितंबर में बसपा विधायक दल का कांगे्रस में विलय का एलान किया और इस संबंध में स्पीकर सीपी जोशी को पत्र सौंपा था। सीपी जोशी ने तब इस विलय को मंजूरी दे दी थी। अब बसपा उस विलय के खिलाफ अदालत में भी अपील कर सकती है।

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