सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया, गोविंद दस्तारा नए अध्यक्ष

राजस्थान में सियासी घमासान के बीच आज दुबारा हुई कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में उन्हें पार्टी से निकालने का प्रस्ताव पारित किया गया था।

Update: 2020-07-14 08:40 GMT

File photo

जनज्वार। राजस्थान के डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से सचिन पायलट को हटा दिया गया है। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह दस्ताना को नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को यह जानकारी दी है। वे CLP की बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

सुरजेवाला ने कहा 'सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद से हटा दिया गया है। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। उनकी जगह गोविंद सिंह दस्ताना को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है।

इससे पहले राजस्थान में सुलह की तमाम कोशिशें बेकार हो गईं थीं और बागी तेवर अख्तियार किए सचिन पायलट के विरुद्ध कार्रवाई का फैसला किया गया है। कांग्रेस विधानमंडल दल (CLP) की आज हुई बैठक में सचिन पायलट के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया गया था। इस बैठक में शामिल होने के लिए सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था, पर वे नहीं आए। उनके इंतजार में 10.30 से निर्धारित बैठक एक घँटे की देरी से शुरू हुई।

दावा किया जा रहा है कि बैठक में कुल 102 विधायक मौजूद थे। विधायकों की यह बैठक जयपुर के एक निजी होटल में हुई। बैठक में उपस्थित विधायकों ने सचिन पायलट के विरुद्ध कार्रवाई की मांग उठाई, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।

बैठक के पहले राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि किसी को भी कोई शिकायत है तो वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी से अपनी बात कह सकता है। उन्होंने कहा था 'राजनैतिक घटनाक्रमों पर चर्चा के लिए दुबारा यह बैठक बुलाई गई है। हम अनुरोध करते हैं कि सचिन पायलट और सभी विधायक बैठक में आएं। हम उन्हें लिखित में भी आमंत्रण दे रहे हैं। हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे आएं और परिस्थितियों पर विचार-विमर्श करें।'

कांग्रेस आलाकमान चाह रहा था कि दोनों गुटों में किसी तरह मेल मिलाप हो जाए। राजस्थान गए नेताओं को इसके लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया गया था, पर बात नहीं बनी। पायलट अपनी बात पर अड़े हुए थे।

सुरजेवाला ने कहा था 'हमने उन्हें (सचिन पायलट) आने के लिए आमंत्रित किया है। हमने कहा है कि वे आएं और विचार-विमर्श करें कि राजस्थान को कैसे मजबूत किया जाय। राज्य के 8 करोड़ लोगों की कैसे और अच्छे तरीके से सेवा की जा सके, इसपर वे विचार दें। अगर किसी के साथ कोई मतभेद है तो खुले दिमाग से बताएं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी हर किसी की बात को सुनने और समाधान निकालने के लिए तैयार हैं।'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा था 'मैं समझता हूं कि सचिन पायलट हमारी पार्टी के योग्य, विश्वसनीय और प्रभावी नेता हैं। हम उन्हें पार्टी में बहुत महत्व देते हैं।उन्हें आगे आकर अपनी शिकायतों को खुले दिमाग से रखना चाहिए। उनकी शिकायतें वास्तविक हो सकतीं हैं, पर पार्टी की सरकार और पार्टी के लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाना सही नहीं है।'

13 जुलाई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर हुई बैठक के बाद कांग्रेस के रूष्ट नेता और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबियों ने फिर दावा कर दिया था कि गहलोत के पास संख्याबल नहीं है।

पायलट के सहयोगियों ने मीडिया को यह भी बताया था कि पायलट बीजेपी में नहीं जाएंगे। सहयोगियों ने कहा था 'अशोक गहलोत सरकार के पास वह संख्या नहीं है, जिसका वह दावा कर रहे हैं। सीएम का बागीचा फ्लोर टेस्ट की जगह नहीं है, यह सदन में होता है। अगर उनके पास किए गए दावे के बराबर संख्या है तो उन्होंने गिनती क्यों नहीं कराई, उन्हें होटल में क्यों ले गए।'

13 जुलाई की बैठक में बीजेपी पर राज्य के 8 करोड़ लोगों की भावनाओं से खेलने का आरोप लगाया गया था। साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में आस्था व्यक्त की गई थी। बैठक के पूर्व पार्टी द्वारा व्हिप जारी किया गया था। आलाकमान के निर्देश पर आए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय और अजय माकन भी बैठक में उपस्थित थे।

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