Republic Day Parade: गणतंत्र दिवस परेड से पश्चिम बंगाल की झांकी रिजेक्ट, ममता ने PM मोदी को चिट्ठी लिखकर कह दी ये बात

Republic Day Parade: केंद्र द्वारा गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की प्रस्तावित झांकी खारिज करने पर सीएम ममता ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा और कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग केंद्र सरकार के इस रवैये से बहुत आहत हैं...

Update: 2022-01-16 16:40 GMT

गणतंत्र दिवस परेड से पश्चिम बंगाल की प्रस्तावित झांकी रिजेक्ट

Republic Day Parade: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच की करवाहट किसी से छिपी नहीं है। किसी न किसी मुद्दे पर एक दूसरे से अक्सर उलझते रहते हैं। ताजा मामला गणतंत्र दिसव की परेड से जुड़ा है। दरअसल, दिल्ली में हर साल की तरह आयोजित गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड के लिए केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार (Bengal Tableau Rejected) की प्रस्तावित झांकी को कैंसिल कर दिया। जिसके बाद बंगाल की सीएम ममता (Mamata Didi) विफर पड़ीं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने पत्र के जरिए परेड में पश्चिम बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों की झांकी को शामिल करने का प्रधानमंत्री से अनुरोध भी किया है।

केंद्र ने बंगाल की झांकी को किया खारिज

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि, 'गणतंत्र दिवस परेड से पश्चिम बंगाल की झांकी को खारिज करने संबंधी केंद्र के फैसले से चकित हूं। गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को बिना कोई कारण बताए खारिज किया गया।' उन्होंने रविवार 16 जनवरी को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। केंद्र के इस फैसले से हैरान ममता का कहना है कि, 'राज्य के लोगों को इस कदम से पीड़ा होगी।'

ममता ने पीएम को पत्र लिखकर जताई नाराजगी

मोदी को पत्र लिखकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता (Bengal CM Mamata) ने कहा कि प्रस्तावित झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti) की 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान की स्मृति में बनाई गई थी। ममता ने कहा, 'मैं आपको बताना चाहती हूं कि पश्चिम बंगाल के लोग केंद्र सरकार के इस रवैये से बहुत आहत हैं। यह जानकर हैरानी होती है कि यहां के बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर गणतंत्र दिवस समारोह में जगह नहीं मिली है।' उन्होंने लिखा यह हमारे लिए और भी चौंकाने वाली बात है कि झांकी को बिना कोई कारण या औचित्य बताए खारिज कर दिया गया।

उन्होंने लिखा कि 'बंगाल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे आगे था। देश की आजादी के लिए सबसे बड़ी कीमत देश के विभाजन और लाखों लोगों को खोकर राज्य ने चुकाई है। स्वतंत्रता सेनानियों के इस योगदान को हमारी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर गणतंत्र दिवस के अवसर को मनाने के लिए देश के समारोह में कोई जगह नहीं मिल रही है।'

रिब्लिक डे परेड में शामिल होंगे 24 हजार लोग

बता दें कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर इस साल की परेड विजय चौक से शुरू होगी और लाल किला तक जाएगी। इस बार कुल 21 झांकी रहेंगी। विजय चौक से लाल किले (Red Fort) तक लंबाई 8.2 किलोमीटर है। कोरोना काल से पहले जहां हर साल परेड देखने 1 लाख 15 हजार से ज्यादा लोग मौजूद रहते थे वहीं पिछले साल कोरोना के मद्देनजर, 25 हजार लोग ही मौजूद रहे। इस बार यह संख्या घटाकर 24 हजार कर दी गई है। रिपब्लिक डे परेड के जरिए दुनिया को भारत की ताकत, संस्कृति और अनेकता में एकता की झलक दिखाई जाती है।

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