S. Y. Quraishi : योगी की जीत ही सांप्रदायिकता की जीत, ध्रुवीकरण के थर्ड फेज में है देश - पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

S. Y. Quraishi : डॉ. एस. वाई. कुरैशी ने कहा कि ये दुष्प्रचार कई साल से चल रहा है कि मुसलमान कई बच्चे पैदा करते हैं। चार-चार शादियां करते हैं। स्लोगन बनाया गया था कि हम पांच हमारे पच्चीस लेकिन रिसर्च ये नहीं कहती है....

Update: 2022-03-26 07:27 GMT

S. Y. Quraishi : योगी की जीत ही सांप्रदायिकता की जीत, ध्रुवीकरण के थर्ड फेज में है देश - पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

S. Y. Quraishi : देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. वाई.एस. कुरैशी (Dr. Y.S. Qureshi) ने उत्तर प्रदेश में दोबारा भाजपा (BJP) की सरकार बनने को लेकर कहा कि यह योगी (Yogi Adityanath) की जीत ही सांप्रदायिकता की जीत है। ध्रुवीकरण पिछले बीस सालों से चुनावी हथकंडा रहा है। हालात ये हैं कि दो बच्चे भी आमने-सामने लड़ रहे हों तो उसे ध्रुवीकरण करार दिया जाता है।

डॉ. कुरैशी ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा कि बंटवारे (India Pakistan Partition) के वक्त सबसे ज्यादा ध्रुवीकरण हुआ। फिर बाबरी (Babri Demolition) के समय और वर्तमान ये ध्रवीकरण (Polarization) का देश में तीसरा चरण है। देश की जनता को तेजी से सांप्रदायिक करवाया जा रहा है। भारत धर्मनिरपेक्ष है, क्योंकि हिंदू धर्मनिरपेक्ष हैं। तब बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान मुसलमान देश बना लेकिन बारत हिंदू देश नहीं धर्मनिरपेक्ष देश बना। तब तक सबकुछ सामान्य हो गया तो उम्मीद करता हूं अभी का वक्त भी निकल जाएगा। 

हिंदुओं के मुकाबले मुसलमान की आबादी बढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये दुष्प्रचार कई साल से चल रहा है कि मुसलमान (Indian Muslims) कई बच्चे पैदा करते हैं। चार-चार शादियां करते हैं। स्लोगन बनाया गया था कि हम पांच हमारे पच्चीस लेकिन रिसर्च ये नहीं कहती है। सच ये है कि मुसलमानों में फैमिली प्लानिंग सबसे कम है लेकिन उसका मजहब से कोई ताल्लुक नहीं है। 1991 में मुसलमानों से हिंदू 30 करोड़ से ज्यादा थे, अब 80 करोड़ से ज्यादा है। इससे कहां लगता है कि मुसलमान हिंदुओं से ज्यादा हो जाएंगे।

उन्होंने आगे कहा- मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दिनेश सिंह से एक मैथेमेटिकल मॉडल बनवाया। ये पूछने पर कि बताओ जैसा कि कहा जा रहा है, तो कितनी जल्दी मुसलमानों की मेजोरिटी हो जाएगी? मैंने सोचा था मैं देश का प्रधानमंत्री बनूंगा। वो बोले साहब एक हजार साल तक तो आप नहीं बन सकते। 

इंटरव्यू में डॉ. कुरैशी ने आगे कहा कि चार बीवियां रखना लिंगानुपात के हिसाब से नामुमकिन है। 1000 मर्दों पर 920-22 औरतें हैं। यानि हर मर्द को एक औरत भी नहीं मिलने वाली। 80 आदमी गैर शादीशुदा रह जाते हैं, तो दूसरी तीसरी कहां से मिलेगी। अगर मिल भी जाती है तो ये जनसंख्या के लिए अच्छा है। दो औरतों की दो मर्दों से शादी होती ज्यादा बच्चे होते, एक मर्द से दो औरतों की शादी की तो कम बच्चे पैदा करेंगे। 

कश्मीरी पंडित-मुसलमानों से जुड़े विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि पंडितों के साथ ज्यादती हुई ये सच है लेकिन पंडितों को मारा तो मुसलमानों को भी मारा। मानवता से मतलब होना चाहिए, मजहब से नहीं। ये तो वहीं हुआ जो काम आतंकवादी करना चाहते थे, वो काम अब ये फिल्म कर रही है। जनता को बांट रही है। 

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