सरस्वती प्रतिमा विसर्जन में हुई हिंसा से किशोर की मौत, 3 दिन से कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह-चतरा में इंटरनेट बंद

प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर हालात को संभालने का अनुरोध किया। प्रशासन के अनुरोध पर पीड़ित परिवार ने सोमवार को दुलमहा नदी घाट पर युवक का अंतिम संस्कार कर दिया...

Update: 2022-02-08 04:44 GMT

(हिंसा के बाद सड़क पर उतरे लोग)

Hazaribagh Violence: हजारीबाग स्थित बरही में रविवार रात हुई नाबालिग युवक रुपेश कुमार पांडेय की मौत मामले में सोमवार को एफआईआर (FIR) दर्ज की गई। इसमें 27 नामजद सहित कुल अज्ञात 100 लोगों को आरोपी बनाया गया है। घटना के विरोध में सोमवार को इलाके में दुकानें बंद रहीं। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जीटी रोड जाम किया गया। जानकारी मिलने के बाद उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद, पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे सहित आला अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। करीब 2 घंटे की लंबी वार्ता के बाद जाम खत्म कराया गया।

परिवार को आश्वासन दिया गया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पूर्व विधायक मनोज कुमार यादव और विधायक उमाशंकर अकेला मौके पर पहुंचे। दोनों ने प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर हालात को संभालने का अनुरोध किया। प्रशासन के अनुरोध पर पीड़ित परिवार ने सोमवार को दुलमहा नदी घाट पर युवक का अंतिम संस्कार कर दिया।

मृतक के चाचा ने दर्ज कराई प्राथमिकी

नई टांड (पिपरघोघर) निवासी युवक की मौत के मामले में चाचा अनिल कुमार पांडेय ने प्राथमिकी दर्ज कराई। इसमें बताया गया कि उनका भतीजा रूपेश कुमार पांडेय उदय मोबाइल दुकान में काम करता था। शाम साढ़े पांच बजे उनके दो दोस्तों ने मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उसे बुलाया। पांच मिनट में वापस आने की बात कह कर युवक दुकान से निकला। वह जैसी ही दुलमहा देवी मंडप के पास पहुंचा। पहले से मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया। मारपीट की गई। इसमें युवक बेहोश हो गया।

युवक को घायल अवस्था में इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल बरही ले जाया गया। यहां चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचकर घटना को अंजाम दिया है। पीड़ित परिवार की मांग है कि राज्य में भीड़ की हिंसा के लिए बने नए कानून के तहत इस मामले में कार्रवाई की जाए।

ये बनाए गये आरोपी

इस मामले में मो. असलम उर्फ पप्पू मियां पिता स्व इस्माइल मिया, मो अनीस पिता मो नौशाद, मो कैफ पिता मो. आताउल तीनों ग्राम दुलमहा,मो. गुफरान पिता मो. मुसताक ग्राम करियातपुर ,मो. चांद पिता मो. जावेद,मो. ओसामा पिता आरिफ मियां, मो. एहताम पिता मो. नौशाद, मो. नाहिद पिता मो. इकबाल, मो. सोनू पिता मो. नईम मियां, मो. शहबान पिता मो. नईम, मो फैसल पिता मो तस्लीम मियां, मो चांद पिता मो रब्बानी मियां, मो अमन पिता मो उमर मिया, मो आसिफ पिता मो जावेद, मो जशीद पिता मो जावेद, मो रिजवान पिता मो हासिम मियां,मो सलमान, मो इरफान पिता मो याकूब मिया,मो सलमान उर्फ माले,मो छोटे पिता रियाज मियां,मो इस्तेखार पिता स्व इशाक मियां,मो तैयब पिता मो अयूब, मो सदीक पिता मो इस्तेखार मियां, मो इकबाल पिता मो याकूब मियां, मो हसन पिता मो अहिया, मो अनीस पिता मो नौशाद,मो साहेब पिता मो नौशाद (सभी दुलमहा निवासी) नामजद आरोपी हैं। इसके अलावे 100 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।

हिंसा के दौरान कितना हुआ नुकसान?

रविवार की देर रात मां सरस्वती की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया था। इसमें युवक की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने दूसरे पक्ष के लोगों के घर व दुकानों में आग लगा दी थी। इसमें एक घर, दो दुकाने तथा 7 वाहन जल गए। दूसरे पक्ष की तरफ से दुलमहा पंचायत के मुखिया तब्बसुम आरा ने कहा कि उनके पति मो असलम उर्फ पप्पू को राजनीतिक का शिकार बनाया जा रहा है। इस घटना से इनके पति को कोई लेना-देना नहीं है। वह हमेशा समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलते हैं। बिना जांच किए इस मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है।

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