Sharad Yadav Joins RJD : कभी लालू से मधेपुरा में दो-दो हाथ करने वाले शरद यादव अब "लालटेन रोशन" करेंगे
Sharad Yadav Joins RJD : राजनीतिक जानकारों के अनुसार शरद यादव का इस समय राजद के साथ आना 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए अहम साबित हो सकता है। वे गैरभाजपाई दलों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि बीते दिनों यह भी खबर मीडिया में आ रही थी कि शरद यादव फिलहाल बीमार हैं और दिल्ली में रहने के लिए उनके पास घर की भी दिक्कत है। गौरतलब है कि लंबे समय तक संसदीय राजनीति में रहने वाले शरद यादव इस वक्त किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
Sharad Yadav Joins RJD : भारतीय राजनीति के दिग्गज और कभी एनडीए की अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शरद यादव (Sharad Yadav) अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की लालटेन थाम चुके हैं। 20 मार्च को को उन्होने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल एलजेडी का राजद के साथ विलय कर दिया है। ज्ञात हो कि मई 2018 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद का साथ छोड़कर एनडीए के खेमे में चले गए थे उस वक्त शरद यादव ने अलग राह पकड़ते हुए जदयू से अलग होकर अपनी पार्टी एलजेडी का गठन किया था। एक जमाने में बिहार के मधेपुरा सीट पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के खिलाफ प्रतिद्वंदी के रूप में खड़े होने वाले शरद यादव अब उनके पुत्र तेजस्वी यादव को अपने राजनीतिक अनुभव का लाभ देते दिखेंगे। खबरें यह भी आ रही है कि राजद की ओर से शरद यादव को राज्यसभा में भी भेजा जा सकता है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार शरद यादव का इस समय राजद के साथ आना 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए अहम साबित हो सकता है। वे गैरभाजपाई दलों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि बीते दिनों यह भी खबर मीडिया में आ रही थी कि शरद यादव फिलहाल बीमार हैं और दिल्ली में रहने के लिए उनके पास घर की भी दिक्कत है। गौरतलब है कि लंबे समय तक संसदीय राजनीति रहने वाले शरद यादव इस वक्त किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
शरद यादव अब 74 साल के हो चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत मध्य प्रदेश से की थी। वे अब तक सात बार लोकसभा जबकि तीन बार राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं। वे केन्द्र सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालय भी संभाल चुके हैं। शरद यादव ने राजद में अपनी पार्टी के विलय के दौरान खराब स्वास्थ्य के कारण कुर्सी पर बैठे—बैठे ही वहां मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि अब आरजेडी ही उनकी पार्टी है। अब यहीं रहकर वो सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे। खराब स्वास्थ्य के कारण वे प्रचार तो नहीं कर पाएंगे लेकिन दिल्ली में बैठे-बैठे ही वे पार्टी को मजबूत करने का कार्य करते रहेंगे। इस मौके पर उन्होंने लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को भविष्य का नेता बानाया। उन्होंने लड़खड़ाती आवाज में कहा कि यूपी चुनाव से सबक लेते हुए सभी गैरभाजपाई दलों को एक साथ आकर मजबूती से उनके खिलाफ लड़ना होगा।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने शरद यादव के पार्टी में शामिल होने को समाजवादी विचारधारा की जीत बताया है। तेजस्वी ने कहा कि वर्तमान समय में देश में राजनीति और संवैधानिक संस्थाओं की साख खतरे में है। उसे बचाने के लिए सभी समान विचारधारा के लोगों को साथ आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शरद यादव और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को राजद में पूरा सम्मान मिलेगा। शरद यादव की पार्टी के आरजेडी में शामिल होने के मौके पर मीसा भारती (Misa Bharti), शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari), मनोज झा (Manoj Jha) और नवल किशोर (Nawal Kishor) जैसे नेता भी मौजूद थे।