Sperm Donation : बिहार में सीमांचल के युवा नशे के लिए नेपाल-बंगाल में जाकर बेच रहे स्पर्म
Sperm Donation : आपको बता दें कि पूर्व में भी इस तरह की सूचना मिलने के बाद पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी ने सीमांचल के चारों जिले एसपी को इस तरह के युवकों को चिह्नित कर उनका कॉउंसलिंग करते हुए सबंधित जिले के नशा मुक्ति केंद्र में भेजने का आदेश दिया था। फिलहाल इस तरह के रैकेट का संचालन नेपाल और पश्चिम बंगाल में बैठे दलालों के माध्यम से हो रहा है। स्पर्म के व्यापार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि स्पर्म के लिए स्मार्ट और फीट युवाओं की अधिक डिमांड है...
केके गौरव की रिपोर्ट
Sperm Donation : महानगरों की तर्ज पर बिहार के सीमांचल इलाके के युवा भी नशे का शौक पूरा करने के लिए अपना स्पर्म नेपाल के विराटनगर, धरान, सुनसरी, धनरुआ, मोरंग और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जैसे शहरों में जाकर बेच रहे हैं।
यह मामला प्रकाश में तब आया जब पूर्णिया में नशा छुड़ाने के लिए काम करने वाले एक स्वयंसेवी संस्था के सदस्यों ने कुछ युवाओं की कॉउंसलिंग की। इन युवाओं की कॉउंसलिंग के दौरान पता चला कि नशे के आदि हो चुके युवा अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए नेपाल और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में जाकर स्पर्म बेचते हैं। स्पर्म बेचकर मिले ज्यदातर पैसों को वो नशीली पदार्थों जैसे स्मैक, गांजा एवं अन्य नशीले पदार्थों को खरीदने में खर्च करते हैं।
आपको बता दें कि पूर्व में भी इस तरह की सूचना मिलने के बाद पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी ने सीमांचल के चारों जिले एसपी को इस तरह के युवकों को चिह्नित कर उनका कॉउंसलिंग करते हुए सबंधित जिले के नशा मुक्ति केंद्र में भेजने का आदेश दिया था। फिलहाल इस तरह के रैकेट का संचालन नेपाल और पश्चिम बंगाल में बैठे दलालों के माध्यम से हो रहा है। स्पर्म के व्यापार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि स्पर्म के लिए स्मार्ट और फीट युवाओं की अधिक डिमांड है।
माइनस 196 डिग्री के तापमान पर रखा जाता
वहीं पैथोलॉजिस्ट राजीव कुमार कहते हैं कि स्पर्म को माइनस 196 डिग्री के तापमान पर लिक्विड नाइट्रोज मिलाकर रखा जाता है। इस तरह का स्पर्म काफी दिनों तक आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है। इस तरह के स्पर्म को तीन अलग-अलग भागों में बांटकर रखा जाता है। इस तरह के स्पर्म से आसानी से महिलाओं को गर्भ ठहर सकता है।
युवाओं का काउंसिलिंग करने की जरूरत
वहीं स्पर्म के इस व्यापार के बारे में पूछने पर मनोचिकित्सक साक्षी झा बताती हैं कि नशे के आदि युवा नशे की पूर्ति के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। पर नशे के स्पर्म बेचना इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक नई बात है। ऐसे युवाओं को सामाजिक स्तर पर सहयोग और कॉउंसिलिंग करने की जरूरत होती है।ऐसे युवा जब एक बार नशे के आदी हो जाते हैं तो दोबारा मुख्यधारा में लौटने में काफी दिक्कतें आती हैं।
ऐसे चलता है स्पर्म बेचने का कारोबार
स्पर्म बेचने के पहले युवाओं की जांच की जाती है। स्पर्म बेचने वाले युवा बताते हैं कि पहले वे लोग स्मैक की खेप लाने के लिए दालकोला जाते थे। इसी क्रम में स्पर्म खरीदने वाले लोगों के बारे में जानकारी दी गयी। इसके बाद फिर इसकी लत लग गई है। युवक बताते हैं कि सभी लड़कों का स्पर्म नहीं लिया जाता है। स्पर्म बेचने के लिए इसके लिए फिट और स्वस्थ्य होना बहुत जरूरी होता है। वहीं इस मामले में पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी सुरेश प्रसाद चौधरी बताते हैं कि युवाओं के स्पर्म बेचने की सूचना मिलने के बाद चारों जिले के एसपी को कई तरह निर्देश दिए गए हैं। ऐसे युवाओं को कॉउंसलिंग कर सबंधित जिले के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करने और ऐसे नशे के सौदागरों को चिह्नित कर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।